सती और पार्वती के पति भगवान शंकर को सदाशिव के कारण शिव भी कहा जाता है। सनतान धर्म के प्रमुख आदि पंच देवों में भी भगवान शिव को स्थान प्राप्त है। वहीं इन्हें देवाधिदेव महादेव भी माना जाता है। इसके साथ ही तीनो लोकों के स्वामी भगवान त्रिलोकी नाथ शिव शंकर की पूजा अर्चना हर जगह बड़े ही धूम धाम से की जाती है। हर साल जहां सावन के महीने में भोले भक्त विशेष आराधना कर महादेव को प्रशन्न करते हैं।
वहीं देश और दुनिया में भगवान शंकर के कई ऐसे विचित्र और अनूठे मंदिर मौजूद हैं, जहां पर भगवान शंकर विभिन्न रूपों में विद्यमान हैं। इन्हीं में से एक मंदिर गुजरात के नर्मदा जिले में भी मौजूद है, जहां पर मौजूद शिवलिंग 1 या 2 नहीं बल्कि 5000 वर्ष पुराना है।
1. यहां भगवान् शिव के इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शनों के लिए मुख्य रूप से सावन माह में अत्यधिक भीड़ उमड़ती है। वही 5000 वर्ष पुराने इस शिवलिंग के साथ शिव भक्तों की अपार श्रद्धा जुडी हुई है।
2. इस मंदिर का अस्तित्व आज से लगभग 5000 वर्ष पुराना बताया जाता है, जहां प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर की आराधना करने के लिए लोग आते हैं।
3. भगवान् शिव का यह अद्भुत शिवलिंग गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के देडियापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित है। धर्म शास्त्रों के आधार पर यह एक प्राचीन स्थान है।
4. बताया जाता है कि साल 1940 में यहां पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई की गई थी। इसी पुरातत्व खुदाई के दौरान दुनिया को इस 5000 वर्ष पुराने शिवलिंग के दर्शन हुए।
5. साल 1940 में हुई खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को कई अनमोल चीजों की प्राप्ति हुई। मंदिर से जुड़े साक्ष्यों का उल्लेख करते हुए पुरातत्व विभाग ने इस शिवलिंग को 5000 साल पुराना बताया है।
6. हजारों वर्षों से पुराणों की किताबों में दर्ज इस मंदिर का उल्लेख जलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से किया गया है। इस जलेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तों की गहरी आस्था है, हर साल यंहा लाखों की तादाद में श्रद्धालु पंहुच कर भगवन शिव के अद्भुत दर्शन प्राप्त कर पुण्य लाभ कमाते हैं।
7. भगवन शिव के पवित्र दिन सोमवार को यंहा इस मंदिर में शिव भक्तो का तांता लगा रहता है। वही सावन व महाशिवरात्रि के विशेष मौकों पर मंदिर में विशेष पूजा आयोजित होती है।
8. शास्त्रों में मिले उल्लेख के अनुसार इस मंदिर के निकट बहती नदी को पूर्वा नदी कहा जाता है और इस मंदिर को जलेश्वर महादेव। मान्यताओं के अनुसार इस नदी में स्नान कर शिवलिंग के दर्शन करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
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