भारत के सिवा और कहीं भी मस्तक पर तिलक लगाने की प्रथा शायद ही कहीं प्रचलित हो। यह हिन्दू रीति रिवाज अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है।
दरअसल सनातन धर्म में तिलक धारण करने का बड़ा महत्व है। तिलक मस्तक, कंठ, भुजाओं, हृदय और नाभि पर लगाने का नियम है, लेकिन अन्य अंगों पर भले ही न लगाएं पर मस्तक के मध्य में अवश्य लगाना चाहिए। दिन के अनुसार तिलक लगाने का भी अपना महत्व है। आप जिस दिन किसी कार्य की सिद्धि या सफलता के लिए जाएं तो दिन के अनुसार बताए गए पदार्थो से तिलक लगाएं।
आमतौर से तिलक अनामिका द्वारा लगाया जाता हैं और उसमे भी केवल चंदन ही लगाया जाता हैं तिलक संग चावल लगाने से लक्ष्मी को आकर्षित करने का और ठंडक व सात्विकता प्रदान करने का निमित छुपा हुआ होता हैं। अतः जानकारों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को तिलक ज़रूर लगाना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार सूने मस्तक को शुभ नहीं माना जाता। माथे पर चंदन, रोली, कुमकुम, सिंदूर या भस्म का तिलक लगाया जाता है। तिलक हिंदू संस्कृति में एक पहचान चिन्ह का काम करता है।
भारतीय संस्कृति में पूजा-अर्चना, संस्कार, संस्कार विधि, मंगल कार्य, यात्रा गमन, शुभ कार्यों के प्रारंभ में माथे पर तिलक लगाकर उसे अक्षत से विभूषित किया जाता है। तिलक केवल धार्मिक मान्यता नहीं बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं।
वहीं जानकारों की मानें तो हिन्दू आध्यात्म की असली पहचान तिलक से होती है। मान्यता है कि तिलक लगाने से समाज में मस्तिष्क हमेशा गर्व से ऊंचा होता है। हिंदू परिवारों में किसी भी शुभ कार्य में "तिलक या टीका" लगाने का विधान हैं। यह तिलक कई वस्तुओ और पदार्थों से लगाया जाता हैं। इनमें हल्दी, सिन्दूर, केशर, भस्म और चंदन आदि प्रमुख हैं।
कहां लगाएं तिलक
तिलक का अर्थ है पूजा के बाद माथे पर लगाया जानेवाला निशान । उत्तर भारत में आज भी तिलक आरती के साथ आदर सत्कार स्वागत कर तिलक लगाया जाता है ।
तिलक हमेशा भौंहो के बीच 'आज्ञाचक्र' भ्रुकुटी पर किया जाता है जो कि चेतना केंद्र भी कहलाता है एवं हमारे चिंतन-मनन का स्थान है , यह चेतन-अवचेतन अवस्था में भी जागृत एवं सक्रिय रहता है
तिलक के संबंध में यहां तक मान्यता है कि यदि तिलक को वार या दिन के अनुसार लगाया जाए तो व्यक्ति कई प्रकार की समस्याओं से ही नहीं बचता बल्कि कई प्रकार से शुभ फलों को भी प्राप्त करता है। पंडितों के मुताबिक तिलक लगाने से कुंडली के कई ग्रह दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।
सप्ताह के वार के अनुसार तिलक...
सोमवार : यह भगवान शिव का दिन होता है। सोमवार का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मनसो जात:, अर्थात् चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। यह मन की भावनाएं, आवेग, उद्वेग आदि को नियंत्रित करता है। यदि आपका मन बार-बार विचलित होता है, आप आवश्यकता से अधिक भावुक हैं तो आपको मन-मस्तिष्क के संतुलन और नियंत्रण के लिए सोमवार के दिन सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। यह शिव का दिन है इसलिए इस दिन भस्म या विभूति भी लगाई जा सकती है। ऐसा करने से आपके सारे कार्य सिद्ध होंगे।
मंगलवार : मंगलवार भगवान श्री हनुमानजी का दिन है और इस दिन का स्वामी ग्रह है मंगल। मंगल को भाग्य का देवता भी कहा गया है। इस दिन सर्वत्र कार्यसिद्धि के लिए लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला सिंदूर लगाना चाहिए। इससे आप पूरे दिन ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। मंगलवार के दिन लाल चंदन का तिलक लगा ने से आर्थिक संकट भी दूर होता है और कर्ज मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। ऐसा करने से क्रोध पर नियंत्रण होता है और आप जो भी कार्य करते हैं उसमें सिद्धि होती है।
बुधवार : यह विघ्नहर्ता, प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का दिन है। इस दिन के ग्रह स्वामी बुध हैं। व्यापारियों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, लेखक और बौद्धिक कार्यो से जुड़े लोगों को खासतौर पर इस दिन सूखे सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। किसी शुभ कार्य, साक्षात्कार, नौकरी का इंटरव्यू आदि के लिए जा रहे हैं तो घर से सूखे सिंदूर का तिलक करके निकलें, इससे कार्य सिद्धि प्राप्त होती है।
बृहस्पतिवार/गुरुवार : यह दिन भगवान विष्णु और दत्तात्रेय का प्रिय दिन है। ब्रह्मा को भी इस दिन का इस दिन का देवता कहा गया है। इस दिन के स्वामी ग्रह हैं बृहस्पति। शील, संयम, सदाचार, कार्य उन्नति, सफलता, वैवाहिक सुख, दांपत्य सुख आदि में शुभता के लिए गुरुवार के दिन अष्टगंध, चंदन या सफेद चंदन का तिलक करना चाहिए। इस दिन केसर, हल्दी, गोरोचन का तिलक भी किया जा सकता है।
शुक्रवार : यह दिन देवी महालक्ष्मी का दिन है और ग्रह स्वामी हैं शुक्र। इस दिन सिंदूर, लाल चंदन या केसर का तिलक करने से समस्त प्रकार के भोग विलास, सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इस दिन प्रॉपर्टी के सौदे, नया बिजनेस प्रारंभ या वैवाहिक कार्यो की बात करने जा रहे हैं या कोई और शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो केसर का तिलक करके घर से निकलें, कार्यो में सफलता प्राप्त होगी।
शनिवार : इस दिन के देवता हनुमान, भैरव और यमराज हैं। ग्रह स्वामी हैं शनिदेव। इस दिन भस्म, विभूति, लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ तिलक लगाना शुभ रहता है। किसी विशेष कार्य की सिद्धि या तंत्र क्रियाओं में सफलता के लिए काजल का तिलक भी लगाया जाता है। इससे दिन शुभ बीतता है और इस दिन किए गए समस्त कार्यो में सिद्धि प्राप्त होती है।
रविवार : भगवान विष्णु और सूर्य को समर्पित रविवार के ग्रह स्वामी हैं सूर्य। इस दिन लाल चंदन, रौली या हरि चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इससे समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से इस दिन किए गए कार्यो में सफलता प्राप्त होती है। मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
अंगुलियों का अपना महत्व
जानकारों के मुताबिक तिलक लगवाते समय सिर पर हाथ इसलिए रखते हैं कि सकारात्मक ऊर्जा हमारे शीर्ष चक्रपर एकत्रित हो साथ ही हमारे विचार सकारात्मक हो व कार्यसिद्ध हो । तिलक में हाथ की चारों अंगूलियों और अंगूठे का एक विशेष महत्व है , अनामिका अंगुली शांति प्रदान करती है, मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है ।
अंगूठा प्रभाव, ख्याति और आरोग्य प्रदान करता है जबकि तर्जनी मोक्ष देने वाली अंगुली है । ज्योतिषों के अनुसार अनामिका व अंगूठे से तिलक करने में सदा शुभ माने गए हैं । अनामिका सूर्य पर्वत की अधिष्ठाता अंगुली है । यह अंगुली सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है । अंगूठा हाथ में शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है और शुक्र ग्रह जीवन शक्ति का प्रतीक है।
तिलक लगाने के ये हैं मंत्र
1. केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरूषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं में प्रसीदतु ।।
2. कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।
तिलक लगाने के फायदे...
1. माना जाता है कि तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है।
2. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है। लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं। वहीं ये भी कहा जाता है कि यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है।
3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है। यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है।
4. ये भी माना जाता है कि इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है।
5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है। हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है।
6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है।
7. मान्यता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
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