सोम प्रदोष 2021: वैशाख का ये प्रदोष है अत्यंत विशेष, ऐसे करें इस दिन भगवान शिव जी की पूजा

हिंदू-कैलेंडर के दूसरे माह वैशाख में भगवान शिव की सोमवार की पूजा अत्यंत विशेष मानी जाती है। इस माह के सोमवार का महत्व सावन और कार्तिक के सोमवार के समान ही माना गया है। ऐसे में इस बार 24 मई, सोमवार को प्रदोष व्रत (शुक्ल) पड़ रहा है।

भगवान शिव का प्रिय प्रदोष इस बार अत्यधिक महत्व वाले vaishakh month के सोमवार में ही पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष कहलाएगा। वहीं वैशाख का सोमवार होने कारण इसका अत्यंत महत्व माना जा रहा है।

24 मई 2021 सोम प्रदोष के शुभ मुहूर्त...
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ 24 मई, सुबह 3:39 AM बजे से
त्रयोदशी तिथि समाप्त 25 मई, रात 00:11 AM बजे तक

पंडित एके शुक्ला के अनुसार जिस प्रकार Pradosh Tithi शिव जी को अत्यंत प्रिय है उसी प्रकार Monday भी शिव जी को अत्यंत प्रिय है जब ये तिथि और वार एक साथ पड़ते हैं तो इसे अत्यंत ही शुभ माना जाता है और इसे सोम प्रदोष कहते हैं।

MUST READ : सोमवार व्रत: जानें कहां कौन सी गलती कर देते हैं हम? कि नहीं मिल पाता पूरा आशीर्वाद

https://www.patrika.com/dharma-karma/lord-shiv-puja-day-is-monday-6744846/

इस दिन विवाहित स्त्रियां सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए और कुंवारी कन्याएं उपयुक्त जीवनसाथी के लिए व्रत करके Lord Shiv का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। मान्यता के अनुसार सोम प्रदोष के दिन व्रत और पूजा करने से शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सोम प्रदोष की पूजा विधि...
सोम प्रदोष के दिन प्रात:काल ब्रहम मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें। और Bhagwan Shiva की पूजा करें। इसके बाद पूरे दिन मन में ही सही भगवान शिव के मंत्र 'नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें। साथ ही पूरा दिन सात्विक रुप से व्यतीत करें।

इस दिन शाम के समय (प्रदोष काल अर्थात संध्याकाल ) में शिव जी की Puja का विधान है। शाम के समय स्वच्छ वस्त्र पहन कर दूध,शहद,दही,घी और Gangajal से शिव जी का अभिषेक करें। उसके बाद शिव आरती करके व्रत का पारण करें। व्रत के अगले दिन ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान दें।

MUST READ : इन पापों को कभी क्षमा नहीं करते भगवान शिव

https://www.patrika.com/religion-news/lord-shiva-never-forgives-these-sins-6310538/

भगवान शिव की पूजा के दिन ये करें...
सोमप्रदोष के दिन स्नान आदि नित्य कर्म के पश्चात हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद को एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण करें।

फिर शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें और ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें।
इसके बाद भगवान शिव के समक्ष अपनी समस्या रखते हुए भगवान शिव से प्रार्थना करें।

सोम प्रदोष व्रत के अन्य लाभ...
पंडित एसके पांडे के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत के प्रभाव से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
इसके अलावा सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है और धन की कमी समाप्त होने के साथ ही जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है।
वहीं ये भी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा से जमीन जायदाद की समस्या भी खत्म हो जाती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3tQdksC
Previous
Next Post »