दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य कहा गया है। यह दिशा नैऋत देव के आधिपत्य में है। इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं। अत: इस दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। आओ जानते हैं कि इस दिशा में क्या होना चाहिए और क्या नहीं।
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