देवि! सुरेश्वरि! भगवति! गंगे! त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे। शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥1 ॥ हे देवी! सुरेश्वरी! भगवती गंगे! आप तीनों लोकों को तारने वाली हैं। शुद्ध तरंगों से युक्त, महादेव शंकर के मस्तक पर विहार करने वाली हे ...
from ज्योतिष https://ift.tt/3eXGVwi
life mantra
Astrology
ज्योतिष
देवी! सुरेश्वरी भगवती गंगे : गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा पर इस गंगा स्तोत्र से मिलता है पुण्य
Next
« Prev Post
« Prev Post
Previous
Next Post »
Next Post »
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
EmoticonEmoticon