1. नारियल का उपाय : अलग-अलग पानीदार नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21 बार वार कर उसे अग्नि में जला दें। इसी तरह 21 बार वार कर बहते पानी में बहा दें। यह कार्य आप किसी भी मंगल, गुरुवार या शनिवार को करें। इससे हर तरह की अला बला, नजर आदि समाप्त हो जाएगी। ऐसे वर्ष में 6-6 माह के अंतराल में कर लें।
2. तांबे का लौटा : तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं और सुबह उठते ही उसे बाहर ढोल दें या कीकर के वृक्ष में डाल दें। ऐसा कम से कम 11 और अधिकतम 43 दिन तक करें। इससे हर तरह के शारीरिक और मानसिक रोग दूर हो जाएंगे। इसे भी वर्ष में 2 बार अवश्य करें।
3. कंबल का दान : काला और सफेद दोरंगी कंबल लें और 21 बार खुद पर से वार कर किसी गरीब को दान कर दें या मंदिर में दान कर दें। यह कार्य आप एक बार भी कर सकते हैं। यह कार्य शनिवार को करें तो ज्यादा अच्छा है। ऐसे ठंड के मौसम में जरूर करें। अन्य मौसम में दोरंगी चादर दान करें।
4. रेवडी का उपाय : बहते पानी में रेवड़ियां, बताशे, शहद या सिंदूर बहाएं। यह कार्य मंगलवार को करें तो ज्यादा अच्छा है। इससे हर तरह का मंगलदोष दूर हो जाएगा और संपूर्ण वर्ष अच्छा रहेगा।
5. काला सूरमा लगाएं : कभी-कभी आंखों में काला सूरमा लगाएं। कम से कम 11 दिन तक लगातार लगाएं। यह भी मंगल का उपाय है।
6 अंधों को भोजन खिलाएं : कम से कम 10 अंधों को आप भोजन जरूर खिलाएं। इसके अलावा किसी अपंग, सन्यासी या कन्याओं को समयानुसार भोजन कराएं। ऐसा वर्ष में 2 जरूर करें। इससे हर तरह का शनिदोष दूर हो जाएगा और संपूर्ण वर्ष शनि की कृपा बनी रहेगी।
7. हनुमानजी को चौला चढ़ाएं : वर्ष में कम से कम 2 बार हनुमानजी को चौला अवश्य चढ़ाएं। एक बार मंगलवार को और दूसरी बार शनिवार को। इससे हनुमानजी की कृपा आप पर बनी रहेगी और संपूर्ण वर्ष किसी भी प्रकार के संकटों से बचे रहेंगे।
8. वृक्षों की सेवा करें : वर्ष में कम से कम 2 बार कहीं पर भी नीम, पीपल, बरगद, शमी या आम के वृक्ष लगाएं। कहते हैं कि जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह कभी भी नरक के दर्शन नहीं करता हैं।
9. तीर्थ यात्रा करें : शास्त्र विधि अनुसार वर्ष में एक बार तीर्थ क्षेत्र की यात्रा जरूर करें। खासकर वहां जहां नदी हो। लाल किताब के अनुसार तीर्थ यात्रा से देवी और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
10. पशु पक्षियों को अन्य खिलाएं :पशु और पक्षियों को भरपेट भोजन कराते रहें और उन्हें अच्छे से पानी पिलाएं। कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में रुपए लेकर एक ही दिन में 100 गाय या कुत्तों को रोटी या हरा चारा खिलाता है उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं।
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