ये कार्य न करें :
1. इस दिन खट्टा न खाएं तो आपके साथ अच्छा ही होगा।
2. नैऋत्य, पश्चिम और दक्षिण में यात्रा न करें।
3. किसी भी प्रकार से शरीर पर गंदगी न रखें, पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें अन्यथा आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है।
ये कार्य जरूर करें :
1. लक्ष्मी की उपासना करें, खीर पीएं और 5 कन्याओं को पिलाएं। साथ ही काली माता या संतोषी माता की पूजा भी करें।
2. इस दिन आप पानी में उचित मात्रा में दही और फिटकरी मिलाकर स्नान करें और शरीर पर सुगंधित इत्र लगाएं और माथे पर चंदन का तिलक लगाएं।
3. रात को सोने से पहले अपने दांत फिटकरी से साफ करें या उसके पानी का कुल्ला करें। शीघ्रपतन, प्रमेह रोग के रोगियों को शुक्रवार के दिन उपवास रखना चाहिए, क्योंकि यह दिन ओज, तेजस्विता, शौर्य, सौन्दर्यवर्धक और शुक्रवर्धक होता है।
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