गजकेसरी योग किसे कहते हैं?

Astrology

Gajakesari Yoga in Kundali

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई प्रकार के योग होते हैं, जैसे पंचमहापुरुष योग, पराशरी राजयोग, नीचभंग राजयोग, धनयोग आदि। इन्हीं में से एक होता है गजकेसरी योग। आओ जानते हैं कि क्या होता है यह योग।
 

 

क्या होता है गजकेसरी योग (What is Gajakesari Yoga called): यदि कुंडली में यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में गुरु और चन्द्र एक दूसरे से केन्द्र में स्थित हों तब गजकेसरी नामक योग बनता है। और यदि यह दोनों ग्रह किसी क्रूर ग्रह से संबंध नहीं रखते हों तो कुंडली में गज केसरी राजयोग बनता है। अर्थात इन दोनों ग्रहों पर कोई पाप ग्रह या क्रूर ग्रह का प्रभाव ना हो तो गजकेसरी योग की शुभता में कई गुना वृद्धि हो जाती है।
 

 

क्या फल होता है गज केसरी योग का (What is the result of gaj kesari yog) : कहते हैं कि इस योग के बनने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन-सम्पदा, स्त्री सुख, सन्तान सुख, घर, वाहन, पद-प्रतिष्ठा, सेवक आदि में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आती है। वह जीवन पर्यंत सुख-समृद्धि युक्त रहता है और वह सफलता के शिखर को छूता है और वह उच्चपद प्राप्त करता है। इस योग को अत्यंत शुभ माना जाता है।



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