Delay in marriage : आपकी शादी में क्यों हो रही है देर, जानिए क्या है कारण



देर से शादी होने के परिणामस्वरूप कई बार उपयुक्त जीवन साथी नहीं मिल पाता। शादी में देर से अभिप्राय उस समय से है जब आप शादी करना चाहते हो और कहीं कोई बात बन नहीं पा रही है। पुराने समय में जब बाल विवाह होते थे तब बीस की उम्र को बहुत अधिक माना जाता था।

 

कुंडली का सातवां घर बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी। शादी के लिए दिशा कौन सी उपयुक्त रहेगी जहां प्रयास करने पर जल्द ही शादी हो सके।

 

शुक्र, बुध, गुरु और चंद्र यह सब शुभ ग्रह हैं। इनमें से कोई एक यदि सातवें घर में बैठा हो तो शादी में आने वाली रुकावटें स्वत: समाप्त हो जाती हैं।  अधिक इंतजार नहीं करना पड़ता परन्तु यदि इन ग्रहों के साथ कोई अन्य ग्रह भी हो तो शादी में व्यवधान अवश्य आता है। राहु, मंगल, शनि, सूर्य यह सब अशुभ ग्रह हैं | इनका सातवें घर से किसी भी प्रकार का संबंध शादी या दाम्पत्य के लिए शुभ नहीं होगा।


 

20 से 25 वर्ष की उम्र में शादी :-

 

बुध शीघ ही शादी करवाता है। सातवें घर में बुध हो तो शादी जल्दी होने के योग होते हैं। बीस वर्ष की उम्र में शादी होती है यदि बुध पर कोई किसी अन्य ग्रह का प्रभाव न हो। बुध यदि सातवें घर में हो तो सूर्य भी एक स्थान पीछे या आगे होगा या फिर बुध के साथ सूर्य के होने की संभावना रहती है | सूर्य साथ हो तो दो साल का विलम्ब शादी में अवश्य होगा। इस तरह उम्र 22 में शादी का योग बनता है। यदि सूर्य के अंश क्षीण हों तो शादी केवल 20 से 21 वर्ष की उम्र में हो जाती है। अभिप्राय यह है कि जब बुध सातवें घर में हो तब 20 से 25 की उम्र में शादी का योग बनता है।


 

25 से 27 की उम्र में शादी :-

 

यदि शुक्र, गुरु या चंद्र आपकी कुंडली के सातवें घर में हैं तो 24- 25  की उम्र में शादी होने की प्रबल संभावना रहती है।

 

गुरु सातवें घर में हो तो शादी पच्चीस की उम्र में होती है। गुरु पर सूर्य या मंगल का प्रभाव हो तो शादी में एक साल की देर समझें। राहु या शनि का प्रभाव हो तो दो साल की देर यानी 27 साल की उम्र में शादी होती है।

 

शुक्र सातवें हो और शुक्र पर मंगल, सूर्य का प्रभाव हो तो शादी में दो साल की देर अवश्यम्भावी है। शनि का प्रभाव होने पर एक साल यानी छब्बीस साल की उम्र में और यदि राहु का प्रभाव शुक्र पर हो तो शादी में दो साल का विलंब होता है।

 

चंद्र सातवें घर में हो और चंद्र पर मंगल, सूर्य में से किसी एक का प्रभाव हो तो शादी 26 साल की उम्र में होने का योग होगा। शनि का प्रभाव मंगल पर हो तो शादी में तीन साल का विलंब होता है। राहु का प्रभाव होने पर 27 वर्ष की उम्र में काफी विघ्नों के बाद शादी संपन्न होती है।

 

कुंडली के सातवें घर में यदि सूर्य हो और उस पर किसी अशुभ ग्रह का प्रभाव न हो तो 27 वर्ष की उम्र में शादी का योग बनता है। शुभ ग्रह सूर्य के साथ हों तो विवाह में इतनी देर नहीं होती।


 

28 से 32 वर्ष की उम्र में शादी :-

 

मंगल, राहु केतु में से कोई एक यदि सातवें घर में हो तो शादी में काफी देर हो सकती है। जितने अशुभ ग्रह सातवें घर में होंगे शादी में देर उतनी ही अधिक होगी। मंगल सातवें घर में 27 वर्ष की उम्र से पहले शादी नहीं होने देता। राहु यहां होने पर आसानी से विवाह नहीं हो सकता। बात पक्की होने के बावजूद रिश्ते टूट जाते हैं। केतु सातवें घर में होने पर गुप्त शत्रुओं की वजह से शादी में अडचनें पैदा करता है।

 

शनि सातवें हो तो जीवन साथी समझदार और विश्वासपात्र होता है। सातवें घर में शनि योगकारक होता है फिर भी शादी में देर होती है। शनि सातवें हो तो अधिकतर मामलों में शादी तीस वर्ष की उम्र के बाद ही होती है।


32 से 40 वर्ष की उम्र में शादी :-

 

शादी में इतनी देर तब होती है जब एक से अधिक अशुभ ग्रहों का प्रभाव सातवें घर पर हो। शनि, मंगल, शनि राहु, मंगल राहु या शनि सूर्य या सूर्य मंगल, सूर्य राहु एक साथ सातवें या आठवें घर में हों तो विवाह में बहुत अधिक देरी होने की संभावना रहती है। हालांकि ग्रहों की राशि और बलाबल पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है परंतु कुछ भी हो इन ग्रहों का सातवें घर में होने से शादी जल्दी होने की कोई संभावना नहीं होती।

 

शादी में देर के लिए जो ऊपर नियम दिए गए हैं उनमें अधिक सूक्ष्म गणना की आवश्यकता जरूर है परंतु मोटे तौर पर ये नियम अत्यंत व्यावहारिक सिद्ध होते हैं।





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