किस तारीख को लगेगा सूर्य ग्रहण : वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा।
किस समय लगेगा सूर्य ग्रहण : भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल 2022 शनिवार को लगने वाला पहला सूर्य ग्रहण रात 12:15 से प्रारंभ होकर सुबह 4:07 पर समाप्त होगा। जहां दिखाई देगा वहां का समय दोपहर 12.15 मिनट पर शुरू होगा तथा शाम 04.07 मिनट पर समाप्त होगा। स्थानीय समयानुसार इसके समय में अंतर रहेगा।
कहां-कहां नजर आएगा सूर्य ग्रहण : दक्षिण अमेरिका का दक्षिण-पश्चिमी भाग, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर क्षेत्र।
किस राशि में लगेगा यह सूर्य ग्रहण : यह ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा।
किन राशियों पड़ेगा इस ग्रहण का प्रभाव : मेष, सिंह और धनु। तीनों के लिए यह ग्रहण शुभ है।
सूतक काल : यह सूर्य ग्रहण जहां दिखाई देगा वहां ही सूतक काल मान्य होगा। परंतु ज्योतिष मान्यता के अनुसार आंशिक सूर्य ग्रहण में सूतककाल का पालन करना अनिवार्य नहीं है। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा। आमतौर पर सूतक काल ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले लग जाता है। हालांकि जो भारतीय विदेश में ग्रहण वाले स्थान पर रह रहे हैं वे सूतक काल का पालन करें।
क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण : आंशिक ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक सीधी लाइन में नहीं होते और चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ही ढंक पाता है। यह स्थिति खण्ड-ग्रहण कहलाती है खंडग्रास का अर्थ अर्थात वह अवस्था जब ग्रहण सूर्य या चंद्रमा के कुछ अंश पर ही लगता है। अर्थात चंद्रमा सूर्य के सिर्फ कुछ हिस्से को ही ढंकता है।
दूसरा सूर्य ग्रहण : दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। यह भी आंशिक सूर्यग्रहण ही कहलाएगा।
क्या करें इस अमान्य सूतक ग्रहण में :
1. यह सही है कि भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा तो इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। परंतु यह भी सही है कि ग्रहण का असर तो संपूर्ण धरती पर ही पड़ता है। ऐसे में धरती पर कई तरह की प्राकृतिक उथल-पुथल होती है। इसी के कारण समाज और सत्ता में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
2. ऐसे में व्यक्ति को हरिभजन करना चाहिए, भोजन भी उत्तम ही खाएं। पानी और भोजन में तुलसी का प्रयोग करें।
3. श्रमशील कार्यों और यात्रा से बचें।
4. सूर्य ग्रहण के प्रभाव से आगजनी, उपद्रव और विभिन्न प्रकार के भौगोलिक एवं राजनीतिक घटनाक्रम बन सकते हैं इसीलिए सावधानी रखने की जरूरत है।
5. गर्भवती महिलाएं और बच्चे इस दौरान सावधानी रखें। घर से बाहर ना निकलें।
6. इस दिन दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी है और अमावस्या भी है। अत: इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ ही शनिदेव और वट का पूजन भी करें।
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