cactus
Vastu Tips Astrology: आजकल घरों में नकली पौधों को रखने के प्रचलन भी है जो कि ज्योतिष एवं वास्तु अनुसार उचित नहीं है। इसी के साथ नकारात्मकता फैलाने वाले पौधे या शो प्लांट लगा रखे हैं, तो सावधान हो जाएं। ऐसे कई पौधे हैं जो आपके जीवन में संकट खड़ा कर सकते हैं। आओ, जानते हैं ऐसे ही 5 पौधे के बारे में।
1. कांटेदार पौधे : घर में कभी भी कांटेदार पौधे न लगाएं, जैसे कैक्टस, गुलाब, कंटकारी, बैर आदि। साथ ही सूखे, टूटे या मुरझाए पौधों को भी आप अपने घर में से बाहर निकाल दें।
2. दूध वाले पौधे : ऐसे पौधे लगाने से भी बचें जिनमें से दूध जैसा सफेद पदार्थ निकलता हो, जैसे आंकड़े का पौधा आदि। आवासीय परिसर में दूध वाले वृक्ष लगाने से धनहानि होती है। जिन पेड़ों से गोंद निकलता हो अर्थात चीड़ आदि घर के परिसर में नहीं लगाने चाहिए। यह धनहानि की आशंका को बढ़ाता है।
3. बोन्साई पौधे : आजकल बोन्साई पौधे लगाने का भी प्रचलन बढ़ गया है। बोन्साई अर्थात किसी भी पेड़ का छोटा रूप। इसे एक तकनीक से उन्हें बढ़ने से रोक देते हैं।
4. फलदार पौधे : कुछ ऐसे फलदार पौधे हैं जिन्हें घर में लगाने से मना किया गया है। हालांकि ऐसे पौधे कम ही होते हैं। पेड़ या वृक्ष जरूर होते हैं। घर के बाहर भी फलदार पौधे लगाने से पहले किसी वास्तुशास्त्री से संपर्क करें। जामुन और अमरूद को छोड़कर फलदार वृक्ष भवन की सीमा में नहीं होने चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होता है।
5. बबूल : इसके अलावा बबूल, इमली और कपास के पौधे भी हैं, लेकिन ये बड़े वृक्ष बन जाते हैं इसलिए इन्हें घर में लगाने का सवाल ही नहीं उठता। फिर भी कोई बोन्साई करके घर में लगाने की सोच रहा है तो इन्हें न लगाएं।
नोट : कदम्ब, केला और नींबू जिसके घर में उत्पन्न होता है, उस घर का मालिक कभी विकास नहीं करता। पाकड़, गूलर, आम, नीम, बहेड़ा तथा कांटेदार वृक्ष, पीपल, अगस्त, इमली ये सभी घर के समीप निंदित कहे गए हैं। कहते हैं कि पूर्व में पीपल, अग्निकोण में दुग्धदार वृक्ष, दक्षिण में पाकड़, निम्ब, नैऋत्य में कदम्ब, पश्चिम में कांटेदार वृक्ष, उत्तर में गूलर, केला, छाई और ईशान में कदली वृक्ष नहीं लगाना चाहिए। बैर, पाकड़, बबूल, गूलर आदि कांटेदार पेड़ घर में दुश्मनी पैदा करते हैं। इनमें जति और गुलाब अपवाद हैं। घर में कैक्टस के पौधे नहीं लगाएं। घर की दक्षिण दिशा में गुलमोहर, पाकड़, कटहल के वृक्ष लगाने से अकारण शत्रुता, अर्थनाश, असंतोष व कलह होने की आशंका रहती है। दक्षिण पूर्व दिशा अर्थात आग्नेय कोण की ओर पलाश, जवाकुसुम, बरगद, लाल गुलाब अशुभ एवं कष्टदायक होते हैं। इस दिशा में लाल फूलों के वृक्षों व लताएं तथा कांटे वाले वृक्ष अनिष्टकारक एवं मृत्युकारक माने गए हैं। घर की पूर्व दिशा की ओर पीपल और बरगद के वृक्ष लगाने शुभ नहीं होते। इनसे स्वास्थ्य हानि, प्रतिष्ठा में कमी एवं अपकीर्ति के संकेत मिलते हैं। पूर्व में लगे फलदार वृक्ष से संतति की हानि, पश्चिम में लगे कांटेदार वृक्ष से शत्रु का भय, दक्षिण में दूधवाले वृक्ष लगे होने से धन नाश होता है। ये वृक्ष पीड़ा, कलह, नेत्ररोग तथा शोक प्रदान करते हैं। हालांकि ये वृक्ष घर की किसी भी दिशा में नहीं हों, तो ही अच्छा है।
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