1. रामरक्षा स्तोत्र का पाठ : जो लोग बीमारियों से ग्रस्त हैं उनको आज के दिन रामरक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
2. तीर्थ स्ना और तर्पण : अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है। अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलेगी।
3. रामचरित मानस : इस दिन श्री रामचरितमानस के अरण्य काण्ड का पाठ करना चाहिए। इस काण्ड में भगवान राम ऋषियों और महान संतों को दर्शन देते हैं और उनके जन्म जन्मान्तर के पुण्य का फल प्रदान करते हैं। इस काण्ड का पाठ करने से भगवान श्री राम की भक्ति प्राप्त होती है।
4. तिजोरी में रखें ये : अक्षय तृतीया के दिन अपने पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर स्थापित करें। व्यापारीगण एकाक्षी नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस दिन चांदी की डिब्बी में शहद और नागकेसर भरकर अपनी तिजोरी में रखें। इससे धन धान्य में वृद्धि होगी।
5. कुंभ दान : इस दिन जल से भरा मिट्टी का घड़ा मंदिर में दान करें। साथ ही कुल्हड़, सकोरे भी दान करें। इससे जीवन में सुख और शांति में वृद्धि होगी।
6. अन्न दान : इस दिन सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, चावल, दूध, दही, घी, फल, इमली, सब्जी, शहद, पंचमेवा, पंचधान, सीधा दान आवश्य करें।
7. भाग्योदय : अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी।
8. व्यापार : अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा।
9. सुख-शांति : अक्षय तृतीया के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहता है।
10. माता पूजा : अक्षय तृतीया ललिता सहस्त्रनाम व श्रीसूक्त का पाठ कर मां त्रिपुरसुन्दरी एवं माता लक्ष्मी का अर्चन करें। इससे धनलाभ होगा।
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