- श्वेत अपराजिता या अपराजिता को संस्कृत में इसे आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा कहते हैं।
- यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। श्वेत नहीं मिले तो नीली अपराजिता रखें।
- श्वेत और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता औषधीय गुणों से भरपुर है।
- श्वेत अपराजिता का पौधा घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आने देता है।
- इसे घर में लगाने से घर में सुख और शांति के साथ ही धन समृद्धि आती है।
- श्वेत अपराजिता चरपरी (तीखी), बुद्धि बढ़ाने वाली, कंठ (गले) को शुद्ध करने वाली, आंखों के लिए उपयोगी होती है।
- श्वेत अपराजिता बुद्धि या दिमाग और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली है
- सफेद दाग (कोढ़), मूत्रदोष (पेशाब की बीमारी), आंवयुक्त दस्त, सूजन तथा जहर को दूर करने वाली है।
दिशा : वास्तु शास्त्र के अनुसार अपराजिता के पौधा को घर की पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में लगाना चाहिए। उत्तर-पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। यह दिशा देवी देवताओं और भगवान शिव की दिशा मानी गई है।
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