मां सरस्वती की पूजा का अचूक उपाय! जिससे मिलता है विद्या की देवी का आशीर्वाद

सप्ताह के दिनों में बृहस्पतिवार यानि गुरुवार का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती (goddess Maa Saraswati) और जगत के पालनहार भगवान विष्णु का माना गया है। ऐसे में जहां हर कोई देवों का आशीर्वाद चाहते हैं। वहीं लोग विद्या के लिए देवी माता सरस्वती को प्रसन्न करने के कई उपाय करते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें अपनाने से माता सरस्वती (goddess Maa Saraswati) तुरंत प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

दरअसल हर कोई जीवन में चाहता है कि उसे ही चीज का ज्ञात तो हो ही साथ ही उसके बच्चे पढ़ाई मे खूब आगे तक जाएं और मनचाही सफलता प्राप्त करें। साथ ही उन्हें हर परीक्षा (Examination)-प्रतियोगिता (Competition) में सफलता प्राप्त हो, लेकिन कई बार कुछ बच्चों को या तो चीजें जल्दी समझ में नहीं आती या फिर समझ में आ भी जाए तो ज्यादा दिनों तक दिमाग में टिक नहीं पातीं।

इनके अलावा कई बच्चों का पढ़ाई (Studies) में मन न लगना भी परेशानी का कारण बना रहता है। ऐसे में यदि आपके बच्चों के साथ भी ऐसी ही परेशानी है तो आप अपने बच्चे को विद्या की देवी सरस्वती की उपासना के लिए अवश्य प्रेरित करें। तो चलिए जानते हैं विद्या की देवी मां सरस्वती (Goddess Saraswati) की पूजा से जुड़े कुछ सरल और प्रभावी उपाय जिनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें अपनाने से माता सरस्वती तुरंत प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

ये हैं उपाय-Surefire way ...
देवी माता सरस्वती (goddess Saraswati) की कृपा पाने के लिए हर गुरुवार देवी मां की पूजा अवश्य करें, इस दिन सफेद वस्त्र धारण करने के साथ ही अपने मन को देवी मां की पूजा के लिए एकाग्र करें। पंडितों के अनुसार मां सरस्वती की पूजा करते समय सबसे पहले सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखें।

इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी और नवग्रह की विधिवत् पूजा करनी चाहिए। इसके बाद माता सरस्वती (goddess Saraswati) की पूजा करें। सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन और स्नान कराएं। इसके बाद माता को फूल, माला चढ़ाएं। सरस्वती माता को सिन्दूर, अन्य श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करनी चाहिए।

इसके अलावा देवी सरस्वती (goddess Saraswati) श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं। वहीं प्रसाद के रूप में मौसमी फलों के अलावा बूंदी अर्पित करनी चाहिए।

How to worship Maa Saraswati: ऐसे करें मां सरस्वती की वंदना
- प्रतिदिन सुबह उठकर नित्य कर्म व स्नान से निवृत्त होकर माता सरस्वती के चित्र का पंचोपचार पूजन करें।
- कमल के फूल चढ़ाएं व सफेद मिठाई को भोग लगाएं।
- कुश के आसन पर बैठकर स्फटिक या सफेद चंदन की माला से इस मंत्र का जप करें।
- कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।
- एक ही समय, स्थान, माला व आसन होने से शीघ्र लाभ होता है।
- सफेद वस्त्रों को धारण करें।

Mantra of Maa Saraswati - यह है मां सरस्वती का मंत्र -
प्रथम भारती नाम द्वितीयं सरस्वती। तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।।
पंचमं जगती ख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा। सप्तमं कुमुदी प्रोक्ता अष्टमं ब्रह्मचारिणी।
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी। एकादशं चंद्रकान्तिद्र्वादशं भुवनेश्वरी।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं च: पठेन्नर:। जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मरूपा सरस्वती।

विद्या की देवी मां सरस्वती (goddess Saraswati) की पूजा के लिए ये दिन भी है विशेष...
इसके अतिरिक्त बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा के लिए अत्यंत विशेष माना जाता है। ऐसे में बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें पीले रंग के पुष्प चढ़ाकर पूजा करें। इस दिन मां सरस्वती को हल्के पीली चीजें अत्यंत ही प्रिय हैं, ऐसे में जब आप मां सरस्वती की पूजा में उनके मनपसंद पुष्पों का प्रयोग करते तो हैं, वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं।

- हिंदू धर्म में पूजा के दौरान लगाया जाने वाला तिलक देवी-देवताओं का प्रसाद माना जाता है। बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा में विशेष रूप से केसर अथवा पीले चंदन का तिलक का प्रयोग करें। मां सरस्वती को केसर अथवा पीले चंदन का तिलक अर्पण करने के बाद इसी चंदन को अपने माथे पर प्रसाद के रूप में अवश्य धारण करें। मान्यता है कि पूजा का उपाय करने पर साधक पर शीघ्र ही मां सरस्वती की कृपा बरसती है।

- बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा में उनका मनपसंद प्रसाद यानि पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं और पीले रंग के फल चढ़ाएं।

- इसके साथ ही यदि आप अपने बच्चे के संबंध में चाहते हैं कि वह खूब मन लगाकर पढ़ाई करे और उसे हर परीक्षा-प्रतियोगिता में सफलता मिले तो उसके पढ़ाई के कमरे में विद्या की देवी मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति अवश्य रखें और उसे अपनी पढ़ाई शुरु करने से पहले मां शारदा का ध्यान करने को कहें। माना जाता है कि इस उपाय को करने पर देवी सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है और परीक्षा-प्रतियोगिता में मनचाही सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।



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