Kumbh Sankranti : सूर्य का कुंभ राशि में कब होगा प्रवेश, जानिए पुण्यकाल और स्नान दान के मुहूर्त

Surya ka kumbh rashi me gochar

Kumbh Sankranti 2023 : 13 फरवरी 2023 सोमवार के दिन सूर्य मकर राशि ने निकलकर कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। वर्ष में 12 संक्रंतियां होती हैं। मकर और कर्क संक्रांति 6 माह के अंतराल पर होती है। कुंभ में प्रवेश करने से कुंभ संक्रांति होगी। कुंभ संक्रांति का पुण्यकाल, स्नान और दान का क्या रहेगा मुहूर्त आओ जानते हैं।

 

कुंभ संक्रांति क्या है? : सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश को कुंभ संक्रांति कहते हैं। सूर्यदेव मकर से निकलकर अब कुंभ में प्रवेश करेंगे। 13 फरवरी 2022 को सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। 

 

महत्व : कुंभ संक्रांति में ही विश्‍वप्रसिद्ध कुंभ मेले का संगम पर आयोजन होता है। इस दिन स्नान, दान और यम एवं सूर्यपूजा का खासा महत्व होता है।

ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 05:28 से 06:18 तक।

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:30 से 01:16 तक।

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:35 से 07:00 तक।

अमृत काल: शाम 05:45 से 07:21 तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन।

 

कुंभ संक्रांति का पुण्यकाल 13 फरवरी 2023:-

कुंभ संक्रांति पुण्यकाल- प्रात: 07:08 से 09:57 तक।

कुम्भ संक्रान्ति महापुण्य काल- प्रात: 08:02 से 09:57 तक।

कुंभ संक्रांति पर क्या करें । What to do on Kumbh Sankranti:-

1. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य देव की उपासना, उन्‍हें अर्घ्‍य देना और आदित्‍य ह्रदय स्रोत का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्‍ति होती है।

 

2. इस शुभ दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर-परिवार में किसी भी सदस्‍य के ऊपर कोई मुसीबत या रोग नहीं आता है। साथ ही भगवान आदित्‍य के आशीर्वाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर हो जाते हैं। इससे प्रतिष्‍ठा और मान-सम्‍मान में भी वृद्धि होती है।

 

3. इस दिन खाद्य वस्‍तुओं, वस्‍त्रों और गरीबों को दान देने से दोगुना पुण्‍य मिलता है। इस दिन दान करने से अंत काल में उत्तम धाम की प्राप्‍ति होती है। इस उपाय से जीवन के अनेक दोष भी समाप्‍त हो जाते हैं।

 

4. मान्‍यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्‍नान करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्‍यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्‍य किसी भी पवित्र नदी में स्‍नान कर पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं।

 

5. अगर इस शुभ दिन पर सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप किया जाए तो मनुष्‍य को अपने दुखों से छुटकारा शीघ्र मिल जाता है।



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