शनि देव चलेंगे उल्टी चाल, वक्र दृष्टि से बचने के 10 उपाय

shani ki vakra drishti se kya hota: 17 जून को शनि ग्रह की वक्री गति प्रारंभ हो जाएगी तो 4 नवंबर तक रहेगी। इस दौरान कुछ राशियों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप पर शनि की साढ़ेसाती, ढैया या महादशा चल रही है तो आपको शनि की वक्र दृष्टि से बचने के उपाय करना चाहिए। इसी के साथ ही इस गोचर काल में जिन लोगों को शनि की वक्री चाल का बुरा असर रहेगा उन्हें भी 10 में से कोई एक उपाय तो जरूर करना चाहिए।

 

नकारात्मक असर रहेगा इन राशियों पर : कर्क, कन्या, तुला, वृश्‍चिक और कुंभ।

 

शनि की वक्र दृष्टि से बचने के 10 उपाय:

 

वैदिक ज्योतिष के उपाय :

1. शनिग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सर्वप्रथम हनुमानजी की पूजा करें और फिर भगवान भैरव की उपासना करें। 

2. शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।

3. तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए।

4. कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे। छायादान करें, अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा माँगते हुए रख आएं। 

5. दांत साफ रखें। नशा न करें। पेट साफ रखें। अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।

लाल किताब में शनि ग्रह के उपाय :

1. लाल किताब के अनुसार शनि ग्रह को शुभ करने के लिए सर्वप्रथम भगवान भैरव की उपासना करें।

2. भैरव महाराज को कच्चा दूध चढ़ाएं।

3. भैरव महाराज के समक्ष शराब छोड़कर उन्हें शराब अर्पित करने से भी शनि के शुभ प्रभाव प्रारंभ हो जाते हैं।

4. कौवे या कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाने, 

5. छाया दान करने और अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखकर उन्हें दान करने से भी शनि ग्रह के शुभ प्रभाव प्रारंभ हो जाते हैं।



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