1. इस दिन नदी या गंगाजल से स्नान करके पितरों के निमित्त सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
2. इस दिन पितरों की शांति के लिए आप चाहें तो उपवास रख सकते हैं।
3. पितरों की शांति के लिए किसी गरीब ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें।
4. पितरों की शांति के लिए किसी भूखे को भरपेट भोजन कराएं।
5. इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करके पीपल की 7 परिक्रमा करें।
6. इस दिन पितरों की शांति के लिए हवन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
7. इस दिन नदी के किनारे स्नान करने के बाद पितरों का पिंडदान या तर्पण करना चाहिए।
8. पितरों के निमित्त अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ और शनिदेव की विशेष पूजा करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए।
9. अमावस्या पर घर में खीर पूजी आदि बनाकर उसका उपले पर गुड़ घी के साथ पितरों के निमित्त भोग लगाएं।
10. इस दिन कौवों को अन्न और जल अर्पित करने के साथ ही गाय एवं कुत्तों को भी भोजन कराएं।
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