चार सबसे श्रेष्ठ समय : शास्त्रों के अनुसार कुतुप, रोहिणी, मध्याह्न और अभिजीत काल में श्राद्ध करना चाहिए। यही श्राद्ध करने का सही समय है।
क्या है कुतुप काल : कुतुप काल दिन के 11:30 बजे से 12:30 के मध्य का समय होता है। वैसे 'कुतुप बेला' दिन का आठवां मुहुर्त होता है। पाप का शमन करने के कारण इसे 'कुतुप' कहा गया है।
29 सितंबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त : सुबह 11:53 से 12:41 तक।
अभिजीत मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त हर दिन के हिसाब से अलग अलग होता है। किसी दिन यह नहीं भी रहता है। यह कुतुप काल के आसपास का ही मुहूर्त होता है।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:53 से 12:41 तक।
रोहिणी काल : रोहिणी काल अर्थात रोहिणी नक्षत्र काल के दौरान श्राद्ध किया जा सकता है।
रोहिणी मुहूर्त : दोपहर 12:41 से 01:29 तक।
मध्याह्नकाल : यदि कुतुप, अभिजीत या रोहिणी काल ज्ञात न हो तो मध्याह्नकाल या अपराह्न काल में श्राद्ध करना श्रेष्ठ रहता है। यानी श्राद्ध का समय तब होता है जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लगे।
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01:29 से 03:53 तक।
उल्लेखनीय है कि 29 तारीख को पूर्णिमा श्राद्ध के साथ ही प्रतिपदा श्राद्ध भी रहेगा। श्राद्ध के अन्त में तर्पण किया जाता है।
from ज्योतिष https://ift.tt/sHDZJE2
EmoticonEmoticon