Dhanteras 2023
कैसे मनाएं धनत्रयोदशी (धनतेरस)
Dhanteras Deepawali : धनत्रयोदशी से दीपावली पर्व का प्रारंभ हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के उपरांत धनत्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत-कलश लिए प्रकट हुए थे। धन्वंतरि भगवान विष्णु के अंशांश अवतार माने जाते हैं। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक कहे जाते हैं। इस वर्ष धनत्रयोदशी 10 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी।
प्रात:काल क्या करें-
धनतेरस के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के उपरांत भगवान धन्वंतरि की पंचोपचार पद्धति से पूजा करें।
सर्वप्रथम एक चौकी पर भगवान धन्वंतरि का चित्र जिसमें वे अमृत-कलश लिए हों, स्थापित करें तत्पश्चात् उस चित्र की धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य, आरती से पूजा करें। इस प्रकार धनत्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आरोग्य एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
मध्यान्ह काल-
भगवान धन्वंतरि की पूजा के उपरांत अपराह्न (दोपहर) में नवीन वस्तुओं का क्रय करें। नवीन वस्तुओं क्रय करते समय ध्यान रखें कि खरीददारी में चांदी की कोई वस्तु अवश्य हो। धनत्रयोदशी के दिन चांदी खरीदने से वर्षभर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
सायंकाल (प्रदोष काल)-
धनत्रयोदशी के दिन सायंकाल यमराज के निमित्त दीपदान करें, इसे 'यम-दीपदान' कहा जाता है। घर के मुख्य द्वार के बाहर गोबर का लेपन करें तत्पश्चात् मिट्टी के दो दीयों में तेल डालकर प्रज्ज्वलित करें। दीये प्रज्ज्वलित करते समय 'दीपज्योति नमोस्तुते' मंत्र का जाप करते रहे एवं अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें। धनत्रयोदशी के दिन 'यम-दीपदान' करने से घर-परिवार में किसी सदस्य की अकाल-मृत्यु नहीं होती है।
प्रदोष काल समय: शास्त्रानुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से दो घड़ी अर्थात् 48 मिनिट तक रहता है। मतांतर से कुछ विद्वान इसे 1 घड़ी (24 मिनिट) सूर्यास्त से पूर्व तथा 1 घड़ी (24 मिनिट) सूर्यास्त के पश्चात तक का भी मानते हैं।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
ALSO READ: Dhanteras Rangoli 2023: धनतेरस पर बनाएं ये सुंदर रंगोली
ALSO READ: Dhanteras 2023: कब है धनतेरस 10 या 11 नवंबर को, यहां जानें शुभ मुहूर्त और खरीदी के योग
from ज्योतिष https://ift.tt/QXkcqoY
EmoticonEmoticon