क्यों रखते हैं उपवास : जिस दिन श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था उस दिन मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी थी। इस दिन मोक्षदा एकादशी रहती है। मोक्षदा एकादशी का व्रत रखकर श्रीकृष्ण की पूजा और आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस दिन उपवास रखा जाता है। इस दिन उपवास करने से मन पवित्र तथा शरीर स्वस्थ होता है, पापों से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में सुख-शांति आती है एवं मोक्ष मिलता है।
- गीता महाभारत के शांति पर्व का एक भाग है।
- वेदों का सार उपनिषद और उपनिषदों का सार गीता है। इसीलिये इसे गीतोपनिषद् भी कहते हैं।
- गीता सभी हिन्दू ग्रंथों का निचोड़ और सारतत्व है इसीलिए यह सर्वमान्य हिन्दू धर्मग्रंथ है।
- गीता के ज्ञान में धर्म के सभी मार्गों को बताया गया है जिस पर चलकर मनुष्य मोक्ष पा सकता है।
- कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश लगभग 45 मिनट तक दिया था।
- कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर नामक एक स्थान है जहां पर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
- भगवद्गीता के प्रथम श्लोक में कुरुक्षेत्र को धर्मक्षेत्र कहा गया है।
- गीता को अर्जुन के अलावा संजय ने सुना और उन्होंने धृतराष्ट्र को सुनाया।
- इस ज्ञान का अर्जुन के रथ पर विराजमान हनुमानजी सहित आकाश में स्थिति सभी देवों ने सुना।
- यह भी कहा जाता है कि गीता का ज्ञान वहां से गुजर रहे एक पक्षी ने भी सुना था।
- गीता में श्रीकृष्ण ने 574, अर्जुन ने 85, संजय ने 40 और धृतराष्ट्र ने 1 श्लोक कहा है। गीता के कुल 700 श्लोक 18 अध्याय में विभक्त हैं। श्रीमद्भागवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।
- 18 अध्याय में अध्याय विषाद योग में 46, सांख्य योग में 72, कर्म योग में 43, ज्ञान कर्म संन्यास योग में 42, कर्म संन्यास योग में 29, ध्यान योग अथवा आत्मसंयम योग में 47, ज्ञान विज्ञान योग में 30, अक्षर ब्रम्हयोग में 28, राजविद्या राजगुह्य योग में 34, विभूति विस्तार योग में 42, विश्वरूप दर्शन योग में 55, भक्ति योग में 20, क्षेत्र क्षेत्रजन विभाग योग में 35, गुणत्रय विभाग योग में 27, पुरुषोत्तम योग में 20, दैवासुर सम्पद विभाग योग में 24, श्रध्दात्रय विभाग योग में 28, मोक्ष संन्यास योग में 78 श्लोक है।
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