Mauni Amavasya
HIGHLIGHTS
• हर महीने की कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि पर अमावस्या मनाई जाती है।
• यह अमावस्या पितरों को मोक्ष देने वाली मानी गई है।
• मौनी अमावस्या पर नदी स्नान और दान-दक्षिणा देने का बहुत महत्व है।
Mauni Amavasya 2024 : धार्मिक मान्यतानुसार वर्षभर की सभी अमावस्याओं में माघ मास की अमावस्या को बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान और पवित्र तीर्थस्थानों पर स्नान, दान का विशेष महत्व माना गया है। इस बार मौनी अमावस्या की तिथि शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 को पड़ रही है।
आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के बारे में खास जानकारी। महत्व एवं शुभ मुहूर्त -
महत्व- हिन्दू धर्म के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अथवा माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत-उपवास रखकर मौन व्रत धारण करने का बहुत महत्व है। बता दें कि यह दिन बहुत पवित्र माना गया है।
प्राचीन धर्मग्रंथों में भगवान श्रीहरि विष्णु को पाने का सरल मार्ग माघ मास के पुण्य स्नान को बताया गया है, खास कर मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन पूरे विधिपूर्वक गंगा स्नान तथा पितृ तर्पण और दान करने से जीवन की परेशानियों का अंत होकर सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
पुराणों के अनुसार माघ महीने में आने वाली हर तिथि एक पर्व मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। मौनी अमावस्या के दिन जो लोग गंगा, कुंभ, नदी या सरोवर तट पर जाकर स्नान नहीं कर सकते, वो घर में गंगा जल डालकर स्नान करें तब भी उन्हें अनंत फल की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त-Mauni Amavasya Shubha Muhurt 2024
शुक्रवार, फरवरी 9, 2024 को मौनी अमावस्या -
माघ कृष्ण दर्श अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 8 फरवरी 2024 को 11.32 पी एम से,
माघ अमावस्या तिथि की समाप्ति- 9 फरवरी 2024 को 07.58 पी एम पर होगी।
9 फरवरी 2024, शुक्रवार : दिन का चौघड़िया
चर - 05.30 ए एम से 07.03 ए एम
लाभ - 07.03 ए एम से 08.36 ए एम
अमृत - 08.36 ए एम से 10.10 ए एम
शुभ - 11.43 ए एम से 01.16 पी एम
चर - 04.23 पी एम से 05.57 पी एम
रात का चौघड़िया :
लाभ - 08.50 पी एम से 10.17 पी एम
शुभ - 11.43 पी एम से 10 फरवरी 01.10 ए एम तक।
अमृत - 01.10 ए एम से 10 फरवरी 02.37 ए एम तक।
चर - 02.37 ए एम से 10 फरवरी 04.03 ए एम तक।
अन्य मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त- 03.57 ए एम से 04.43 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04.20 ए एम से 05.30 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11.18 ए एम से 12.08 पी एम
विजय मुहूर्त- 01.48 पी एम से 02.37 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.55 पी एम से 06.19 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05.57 पी एम से 07.06 पी एम
अमृत काल- 05.47 ए एम से 07.12 ए एम
निशिता मुहूर्त- 11.20 पी एम से 10 फरवरी 12.06 ए एम तक।
02.56 ए एम, फरवरी 10 से 10 फरवरी 04.20 ए एम तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05.30 ए एम से 02.59 पी एम
राहुकाल- 10.10 ए एम से 11.43 ए एम
गुलिक काल- 07.03 ए एम से 08.36 ए एम
यमगण्ड- 02.50 पी एम से 04.23 पी एम
अभिजित मुहूर्त- 11.18 ए एम से 12.08 पी एम
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ALSO READ: राम मंदिर में यदि करना है रामलला के तुरंत दर्शन तो अयोध्या जाकर करें ये 5 कार्य
ALSO READ: घर में कछुए की मूर्ति रखने से क्या होगा?
from ज्योतिष https://ift.tt/G7z4D29
EmoticonEmoticon