Sheetala saptami 2024 : शीतला सप्तमी और अष्टमी पर क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए

Ahoi Ashtami 2024

Ahoi Ashtami 2024

Sheetala ashtami 2024: शीतला सप्तमी और अष्टमी का पर्व देवी शीतलामाता को समर्पित है। बासोड़ा पूजा होली के उपरान्त कृष्ण पक्ष अष्टमी पर की जाती है। यह पर्व होली के 8 दिन बाद आता है, किन्तु अनेक लोग इसे होली के बाद आने वाले प्रथम सोमवार अथवा शुक्रवार को मनाते हैं। इस दिन घरों में भोजन पकाने हेतु अग्नि नहीं जलाई जाती है। इसमें एक दिन पूर्व खाना बनाकर दूसरे दिन खाया जाता है। कई जगह पर सप्तमी के दिन ठंडा खाना खाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि, देवी शीतला चेचक, खसरा आदि रोगों को नियन्त्रित करती हैं तथा लोग इन रोगों के प्रकोप से सुरक्षा हेतु उनकी पूजा-आराधना करते हैं।

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सप्तमी तिथि प्रारम्भ- 31 मार्च 2024 को रात्रि 09:30 से।

सप्तमी तिथि समाप्त- 01 अप्रैल 2024 को रात्रि 09:09 तक।

अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 01 अप्रैल 2024 को रात्रि 09:09 से।

अष्टमी तिथि समाप्त- 02 अप्रैल 2024 को 08:08 बजे तक।

 

इस दिन क्या करें: 

  1. एक दिन पहले ही मीठे चावल बना लें और उसके बाद पूजा की सभी समाग्री तैयार कर लें। जिसमें मीठे चावलों के साथ हल्दी और चने की दाल अवश्य होनी चाहिए।
  2. इस दिन सुबह ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करके अंधेरे में जहां पर होली जलाई गई हो उस स्थान पर जाना चाहिए।
  3. इसके बाद वहीं पर आटा गूंथकर दो आटें का दीपक बनाएं और उसमें घी की बाती डूबोकर लगाएं।
  4. यह दीपक बिना जलाएं उस होली वाले स्थान पर रख दें और मीठे चावल, चने की दाल और हल्दी भी चढ़ाएं और उसके बाद जल चढ़ाएं।
  5. इसके बाद मंदिर जाकर माता शीतला की पूजा करें। सबसे पहले माता शीतला को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं।
  6. माता शीतला का तिलक करने के बाद काजल, मेहंदी, लच्छा और वस्त्र अर्पित करें। तीन कंडवारे का समान अर्पित करें।
  7. इसके बाद माता शीतला की कथा अवश्य पढ़ें या सुने।
  8. कथा पढ़ने के बाद माता शीतला को भी मीठे चावलों का भोग लगाएं।
  9. इसके बाद माता शीतला की आटें का दीपक जलाकर आरती उतारें।
  10. आरती उतारने के बाद माता शीतला को जल अर्पित करें और उसकी कुछ बूंदे अपने ऊपर भी डालें।

sheetala mata 2024

इस दिन क्या न करें :

  1. इस दिन घर में ताजा भोजन नहीं बनाया जाता।
  2. जिस घर में चेचक से कोई बीमार हो उसे यह व्रत नहीं करना चाहिए।
  3. इस दिन गर्म भोजन नहीं किया जाता है।
  4. सप्तमी और अष्टमी सिर नहीं धोते हैं।
  5. इस दिन सिलाई नहीं करते हैं और न ही सुई में धागा पिरोते हैं।
  6. इस दिन चक्की या चरखा नहीं चलाते हैं।

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