Bada Mangal : कब है पहला बड़ा मंगल, जानिए महत्व और पूजा विधि

Hanuman jee Worship

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Highlights : 

 

बुढ़वा मंगल 2024 में कब है।   

श्री हनुमान की पूजा  2024 में कब-कब होगी।  

बजरंगबली की पूजा कैसे करें। 

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Bada Mangal Puja : हिन्दू धर्मशास्त्रों में बजरंगबली के पूजा-अर्चना के लिए खास माना जाने वाला दिन यानी बड़ा मंगल का पर्व विशेष रूप से उत्तरप्रदेश में मनाया जानेवाला बड़ा त्योहार है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस पहले बड़े मंगल पर बहुत ही शुभ योग बना हैं, अतः इस  महत्व अधिक माना जा रहा हैं।   

 

बता दें कि इस बार पहला बड़ा मंगल व्रत  28 मई को पड़ रहा है, जो कि ब्रह्म योग में मनाया जा रहा है और उसकी शुरुआत अलसुबह 04 बजकर 27 मिनट से होकर रात्रि 02 बजकर 05 मिनट पर समापन होगा। अतः इस बार का पहला बड़ा मंगल व्रत बहुत ही शुभकारी माना जा रहा है।  

 

महत्व : Buda Mangal Importance

धार्मिक मान्यतानुसार ज्येष्ठ के मास में हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी, अतः जेठ माह के हर मंगलवार पर हनुमान पूजा का खासा महत्व कहा गया है। इसीलिए हनुमान भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत मंगलकारी माना जाता है, क्योंकि  इस माह के मंगल की महिमा अधिक माने जाने के कारण ही इस दिन का महत्व बढ़ जाता है।


बता दें कि मंगलवार के दिन खास तौर पर हनुमान जी के नैवेद्य में नमक, मिर्च का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही इस दिन शाकाहारी भोजन ग्रहण करना उचित रहता हैं और मांसाहार का त्याग करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी माना गया है।   


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पूजा विधि- puja vidhi 
 

बड़ा मंगल व्रत के दिन प्रात: नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें।  

फिर पूजा घर को साफ करके पूजन की तैयारी करें।

अब लकड़ी के पाट पर लाल अथवा पीला कपड़ा बिछा कर हनुमान जी की मूर्ति या चि‍त्र रखें। 

कुश के आसन पर बैठें और हनुमान जी की मूर्ति को स्नान कराएं। 

अगर चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें पोंछ लें। 

दीपक और धूप, अगरबत्ती जलाएं और पूजन प्रारंभ करें।

अपनी अनामिका अंगुली से हनुमान जी को तिलक लगा कर सिंदूर, चंदन आदि लगा कर पुष्प माला चढ़ाएं।

गुलाब के फूल अर्पित करके पंचोपचार पूजन करें। 

अब आरती करें।

अंत में हनुमान जी को नैवेद्य अर्पित करें और प्रसाद बाटें।

इस दिन श्री हनुमान जी के मंत्र, राम जी के मंत्र, हनुमान चालीसा आदि का पाठ करें और हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करके अपनी मनोकामना पूर्ण करने की विनती करें। 

 

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