Bhagwan Shiv mantra: भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र को जपने का प्रभाव, महत्व और परिणाम जानिए

Shravan 2024 
 

Highlights 

 

* प्राचीन शिव पंचाक्षरी मंत्र जानें।

* भगवान शिव का खास मंत्र।

* शिव-मंत्र का उच्चारण का प्रभाव


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Shiv mantra: भगवान शिव ब्रह्म रूप होने के कारण निष्कल अर्थात निराकार कहे गए रूपवान होने के कारण सकल कहलाए, परंतु वे परब्रह्म परमात्मा निराकार रूप से पहले आए और समस्त देवताओं में एकमात्र वे परब्रह्म है इसलिए केवल वे ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते हैं। इस रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है, क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण है।

अत: शिव का पूजन लिंग रूप में ही ज्यादा फलदायक माना गया है। शिव का मूर्तिपूजन भी श्रेष्ठ है किंतु लिंग पूजन सर्वश्रेष्ठ है। अत: श्रावण मास में शिव पूजन के समय पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने का विशेष महत्व कहा गया हें। 
 

प्रभाव और महत्व : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिव जी का मूल मंत्र जो संस्कृत के 5 शब्दों से मिलकर बना है, जो कि सभी मंत्रों में शुभ व पवित्र माना जाता है। श्रावण में व्रत रखने वाले व्यक्तियों को शिव-मंत्र का उच्चारण अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से अनेक प्रकार की सात्विक और पवित्र ऊर्जा का शरीर में समावेश होता है।

 

शिव पंचाक्षरी मंत्र :

 

नागेन्द्रहराय त्रिलोचनाय

भास्मंगारागाय महेश्वराय

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय

तस्मै 'न'काराय नमः शिवाय ।।1।।

 

मन्दाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय

नंदिश्वाराय प्रमथानाथ महेश्वराय

मंदारापुष्प बहुपुष्प सुपुजिताय

तस्मै 'म'काराय नमः शिवाय ।।2।।

 

शिवाय गौरी वादानाब्जवृन्द

सूर्याय दक्षाध्वार नशाकाय

श्रीनिलाकंठाय वृषभध्वजाय

तस्मै 'शि'काराय नमः शिवाय।।3।।

 

वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतामार्य

मुनीन्द्र देवार्चिता शेखाराय

चन्द्रार्कवैश्वनारा लोचनाय

तस्मै 'व'काराय नमः शिवाय।।4।।

 

यक्षस्वरुपाय जटाधाराय

पिनाकहस्ताय सनातनाय

दिव्याय देवाय दिगम्बराय

तस्मै 'य'काराय नमः शिवाय।।5।।

 

परिणाम : 

 

- यह मंत्र शिव वाक्य है यही शिवज्ञान है। जिसके मन में यह पंचाक्षरी मंत्र निरंतर रहता है वह शिवस्वरूप हो जाता है। उसको मृत्यु नहीं मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

 

- भोग और मोक्ष देने वाला यह मंत्र जपने वाले के समस्त व्याधियों को शांत कर देता है। 

 

- मान्यतानुसार यमराज ने अपने दूतों को यह आदेश दिया हैं कि इस मंत्र के जाप करने वाले के पास कभी मत जाना। 

 

- बाधाएं इस मंत्र का जाप करने वाले के पास भी नहीं आती।

 

- पंचाक्षरी मंत्र के जाप से सभी मनोरथों की सिद्धि होती है। 

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