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Ganesh Chaturthi 2024: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गणेश चतुर्थी यानी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखा जाता है क्योंकि मना जाता है कि गणेश जी ने चंद्र को शाप दिया था। इसीलिए इस दिन चंद्रमा के दर्शन से बचना जरूरी होता है। यदि कोई जाने अनजाने दर्शन कर लेता है तो उसे चंद्र दोष तो लगता ही है साथ में मान्यता अनुसार उस पर चोरी का झूठा इल्जाम भी लग जाता है। यदि भूलवश चंद्र दर्शन हो जाएं तो क्या करें?
क्यों नहीं देखते हैं चंद्रमा: एक बार, श्री गणेश जी यात्रा कर रहे थे तभी रास्ते में उन्हें चंद्रमा मिले। चंद्रमा को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था। चंद्रमा ने जब श्री गणेश को छोटे से चूहे पर सवार होकर आड़ी टेढ़ी चाल से चलते देखा तो उनकी हंसी निकल पड़ी। अपने रूप के गर्व में वे गणेश जी की विशेष आकृति का मजाक बनाने लगे। तब गणेश जी ने उसे श्राप दिया कि उसका यह रंग-रूप खत्म हो जाए। चंद्रमा के शापित होने से सभी लोक में हाहाकार मच गया। चंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ। वे बहुत उदास हो गए और श्री गणेश से क्षमा करने की प्रार्थना की। अंतत: भगवान गणेश ने उसे श्राप से मुक्त होने के लिए पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ गणेश चतुर्थी का व्रत रखने की सलाह दी। इस प्रकार पहले व्यक्ति जिसने गणेश चतुर्थी का उपवास रखा था वे चंद्रमा थे। श्री गणेश के शाप के कारण ही चतुर्थी के यह चंद्र शापित हैं लेकिन अन्य चतुर्थी पर चंद्र दर्शन के उपरांत ही व्रत खोला जाता है।
श्रीकृष्ण ने देख लिया था चांद: भाद्रपद के शुक्ल चतुर्थी के दिन श्रीकृष्ण ने चंद्रमा को देख लिया था। इसके चलते श्री कृष्ण पर सत्राजित यादव की स्यमंतक मणि चुराने का झूठा आरोप लग गया था। उन्हें चोरी के कलंक का सामना करना पड़ा था। फिर उन्होंने खुद ही तलाश की कि आखिर वह मणि किसने चुराई है। मणि की खोज में उन्हें पता चला कि एक शेर यह मणि उठाकर ले गया था। वह मणि जामवंत को मिली। जामवंत ने उस मणि को अपनी पुत्री जामवंती को देदी। उस मणि के लिए श्रीकृष्ण और जामवंत में युद्ध हुआ। बाद में जामवंत युद्ध करते करते थक गए तो पूछने लगे कि तुम कौन हो। तुम साधारण इंसान नहीं लगते। तब श्रीकृष्ण ने अपना परिचय दिया। यह जानकर जामवंत ने न केवल मणि दी बल्की उन्होंने उनकी पुत्री जामवंती से उनका विवाह भी कराया।
चंद्र दर्शन दोष का निवारण: श्री गणेश चतुर्थी के दिन चतुर्थी तिथि शुरू होने से लेकर खत्म होने तक चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। यदि भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो मिथ्या दोष से बचाव के लिए स्यमंतक मणि वाली कथा सुनकर यथाशक्ति दान दक्षिणा देना चाहिए।
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