Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज की 16 पत्तियों का राज, जानें कैसे चढ़ाएं क्या होगा लाभ

Hartalika Teej 
 

Highlights 

 

हरतालिका तीज कब है 2024 में।

हरतालिका तीज में चढ़ाई जाने वाली पत्तियों का राज क्या है।

हरतालिका तीज में 16 पत्तियां चढ़ाने के लाभ जानें।


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Hartalika Teej 2024 Puja : वर्ष 2024 में 06 सितंबर, दिन शुक्रवार को महिलाओं का खास पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर महिलाएं हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती हैं। भाद्रपद तीज के दिन मिट्टी के शिवलिंग, गणेश और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा के दौरान 16 तरह की पत्तियां अर्पित की जाती हैं। 

 

आइए इस लेख में जानते हैं यहां आखिर कौनसी हैं वे सोलह तरह की पत्तियां और क्या हैं उनका राज।

 

16 पत्तियां : 16 types of leaves

 

- पौराणिक मतानुसार भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश जी को बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, नीम, अशोक पत्ते, पानपत्ते, केले के पत्ते और शमी पत्ते अर्पित किए जाते हैं। 

 

- बालू के शिवलिंग पर इस पत्तियों को एक-एक करके उल्टा अर्पित किया जाता है। पत्ते उलटे चढ़ाना चाहिए तथा फूल व फल सीधे चढ़ाना चाहिए।

 

- 16 प्रकार की पत्तियों से शिव जी की षोडश उपचार पूजा की जाती है।


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पूजा सामग्री-

सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, अबीर, चन्दन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच प्रकार के फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, आक का फूल, कपूर, कुमकुम, गंगाजल, गणेश जी को अर्पित करने के लिए दूर्वा, जनेऊ, सुहाग की पिटारी जिसमें होती है 16 श्रृंगार की सामग्री।

 

सोलह प्रकार की पत्तियों को अर्पित करने का महत्व और उनसे मिलने वाले लाभ : 

 

1. बिल्वपत्र : सौभाग्य

2. जातीपत्र : संतान

3. सेवंतिका : दांपत्य सुख

4. बांस : वंश वृद्धि

5. देवदार पत्र : ऐश्वर्य

6. चंपा : सौंदर्य और सेहत

7. कनेर : यश और सुख

8. अगस्त्य : वैभव

9. भृंगराज : पराक्रम

10. धतूरा : मोक्ष प्राप्ति

11. आम के पत्ते : मंगल कार्य

12. नीम : चरित्र

13. अशोक के पत्ते : शांति प्रिय जीवन

14. पान के पत्ते : परस्पर प्रेम में वृद्धि

15. केले के पत्ते : सफलता

16. शमी के पत्ते : धन और समृद्धि।

 

नोट- कुछ लोग नीम की जगह तुलसी की बात करते हैं लेकिन आपको बता दें कि शिव जी और गणेश जी को तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं किया जाता है। यदि आप तुलसी नहीं ले रहे हैं तो किसी पंडित से पूछकर नीम ले सकते हैं, जो आरोग्य का प्रतीक है। 

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