Shardiya Navratri Ashtami 2024: दुर्गा उत्सव (नवरात्रि) हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। जो हर सनातनी हिन्दू परिवारों में बड़ी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा, काली एवं सरस्वती जी की पूजा होती है।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के इन नौ दिनों में दुर्गा पूजा एवं देवी आराधना करने से वर्षभर मां दुर्गा की कृपा साधक पर बनी रहती है। नवरात्रि का त्योहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है जिसमें दो प्रकट एवं दो गुप्त नवरात्रि होती हैं।
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्र कहा जाता है। दुर्गा उत्सव के इन नौ दिनों में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने शक्ति धारण की थी, अत: जगदम्बा मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजा कर उन्हें आयुध भेंट कर हवन किया जाता है।
इस वर्ष अष्टमी की तिथि को लेकर जनमानस में संशय बना हुआ है, क्योंकि इस वर्ष अष्टमी एवं नवमी तिथि एक ही दिन संयुक्त है। हम शास्त्रोक्त प्रमाणों के आधार पर आपका यह संशय दूर करने का प्रयास करेंगे।
अष्टमी तिथि का प्रारंभ एवं समाप्ति कब होगी :
11 अक्टूबर 2024 को अष्टमी तिथि का प्रारंभ मध्याह्न 12 बजकर 08 मिनट से होगा एवं समाप्ति दिनांक 12 अक्टूबर 2024 को अपराह्न 11:00 बजे होगी। शास्त्रानुसार सप्तमी तिथि से युक्त अष्टमी तिथि ग्राह्य नहीं है जबकि नवमी युक्त अष्टमी तिथि ग्राह्य होती है।
शास्त्रानुसार अष्टमी में सप्तमी का वेध वर्जित है जबकि नवमी से युक्त अष्टमी शुभ मानी जाती है। सप्तमी वेध से युक्त अष्टमी में पूजा करने से स्त्री, पुत्र और धन की हानि होती है, जब कि नवमी से अष्टमी महाफलदायी होती है। 11 अक्टूबर 2024 को अष्टमी तिथि से नवमी से युक्त होने से विशेष शुभ और फलदायक है। अत: अष्टमी पूजा 11 अक्टूबर 2024 को करना शास्त्रसम्मत व श्रेयस्कर रहेगा।
महाअष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त :
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक।
शुभ- 12:00 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक (मध्याह्न)
रात्रि- 9:00 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
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