सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

Major Types of Shivlings: सावन मास में भगवान शिव की आराधना की जाती है और भगवान भोलेनाथ के पूजन-अर्चन में शिवलिंग की पूजा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। यह शिवलिंग न केवल शिवजी की ऊर्जा और सृष्टि के प्रतीक हैं, बल्कि उनके भक्तों की आस्था और साधना का केंद्र भी हैं। हमारे शास्त्रों में शिवलिंग के कई प्रकारों का उल्लेख मिलता है, जैसे- स्वयंभू, पारद, मानव निर्मित, पार्थिव, नर्मदेश्वर, धातु निर्मित तथा बाणलिंग आदि और इनकी पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है।

 

इसी तरह श्रावण में विभिन्न प्रकार के शिवलिंग का निर्माण करके उनका पूजन किया जाता है और प्रत्येक शिवलिंग की अपनी विशेषता और पूजा का अलग-अलग महत्व होता है। जहां शिवलिंग को कई आधारों पर वर्गीकृत किया जाता है, वहीं अन्य सामग्री से बने शिवलिंग भी आपको बहुत शुभ फल देते हैं। आइए यहां जानते हैं कुछ प्रमुख प्रकार और उनसे प्राप्त होने वाले फल के बारे में...

 

धार्मिक मान्यता के अनुसार अन्य विभिन्न सामग्रियों से भी शिवलिंग बनाए जाते हैं, जैसे:

 

1. जौ, गेहूं और चावल के आटे का शिवलिंग: संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि में अतिसहायक है।

 

2. भस्म शिवलिंग: विशेषकर यह अघोरी संप्रदाय द्वारा पूजित होते हैं जो सिद्धियों की प्राप्ति कराते हैं। 

 

3. दही का शिवलिंग: समस्त सुख और धन की प्राप्ति देता है।

 

4. गुड़ का शिवलिंग: कृषि उत्पादन में वृद्धि करता है।

 

5. आंवले का शिवलिंग: जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देने में मददगार होते हैं।

 

6. मोती का शिवलिंग: सौभाग्य वृद्धि करता है।

 

7. लहसुनिया शिवलिंग: शत्रुओं पर विजय दिलाता है।

 

8. मक्खन/नवनीत शिवलिंग: प्रसिद्धि/कीर्ति और धन तथा सौभाग्य देने वाला है।

 

9. पुष्प शिवलिंग: संपत्ति संबंधी समस्याओं का समाधान करता है।

 

10. मिट्टी का शिवलिंग: मिट्टी से बना पार्थिव शिवलिंग सभी सिद्धियों को देने वाला और शिव में लीन करने वाला होता हैं।

 

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