सुबह का मुहूर्त: प्रात: 04:11 से 05:33 तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:55 तक।
शाम और रात्रि का मुहूर्त: शाम 07:20 से 08:22 तक।
राहुकाल: सुबह 07:16 से 09:00 तक।
सावन के पहले सोमवार को क्या करें-
- प्रात: काल उठकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
- इसके बाद आचमन करके सफेद वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद जल में गंगाजल, बिल्व पत्र और काले तिल मिलाकर शिवजी को जलाभिषेक करें।
- इस दौरान 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
- शिवजी को उनके मनपसंद का भोग लगाएं।
- अब भगवान शिव की पंचोपचार पूजा करें।
- पूजा के बाद आक, धतूरा, हरसिंगार के फूल अर्पित करें।
- इसके बाद चाहें तो शिव चालीसा, शिव तांडव स्त्रोत आदि का पाठ करें।
- अंत में आरती उतारें और सभी को प्रसाद का वितरण करें।
सावन का पहला सोमवार जानें नियम:-
- श्रावण सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है।
- इस मास में भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करना श्रेष्ठ एवं शुभ फलदायक है।
- व्रत में एक समय भोजन करने को एकाशना कहते हैं और पूरे समय व्रत करने को पूर्णोपवा कहते हैं।
- यह व्रत कठित होते हैं। ऐसा नहीं कर सकते कि आप सुबह फलाहार ले लें और फिर शाम को भोजन कर लें या दोनों ही समय फलाहार लेकर समय गुजार दें।
- बहुत से लोग साबूदाने की खिचड़ी दोनों समय डट के खा लेते हैं, तो फिर व्रत या उपवास का कोई मतलब नहीं।
- व्रत या उपवास का अर्थ ही यही है कि आप भोजन को त्याग दें।
- पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं।
- सावन सोमवार, सोलह सोमवार और सोम प्रदोष।
- महिलाओं के लिए सावन सोमवार की व्रत विधि का उल्लेख मिलता है।
- उन्हें उस विधि के अनुसार ही व्रत रखने की छूट है।
- शिवपुराण के अनुसार जिस कामना से कोई इस मास के सोमवारों का व्रत करता है उसकी वह कामना अवश्य एवं अतिशीघ्र पूरी हो जाती है।
- जिन्होंने 16 सोमवार व्रत करने हैं वह भी सावन के पहले सोमवार से व्रत करने की शुरुआत कर सकते हैं।
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