आज रक्षाबंधन, सबसे शुभ मुहूर्त, राखी बांधने की विधि, मंत्र, 3 उपाय और नियम एवं सावधानियां

Rakhi bandhne ka shubh muhurt 2025: 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। भद्राकाल 8 अगस्त को दोपहर 02:12 से प्रारंभ होकर 9 अगस्त को तड़के 01:52 (मध्यरात्रि) पर समाप्त हो होगा। इसके बाद राहु काल 9 अगस्त को सबह 09:07 से 10:47 तक रहेगा। बीच सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग, सुस्थिर योग, वर्धमान योग और श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ संयोग भी रहेगा। आओ जानते हैं राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त, मंत्र, विधि, अचूक उपाय, नियम और सावधानियां।

 

9 अगस्त 2025 को राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त:

दिन में शुभ मुहूर्त: अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:53 तक रहेगा।

रात में शुभ मुहूर्त: शाम 07:06 से रात्रि 08:26 के तक रहेगा।

 

राखी बांधने की सबसे सरल विधि:

  • रक्षा बंधन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं।
  • पूजा के बाद भाई और बहन के बैठने के लिए एक पाट रखते हैं। 
  • इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाते हैं। 
  • इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करते हैं।
  • फिर भाई को पूर्व दिशा में मुख करके पाट पर बैठाती हैं। फिर सिर पर टोपी या रुमाल रखती है।
  • पूजा की थाली में कुंकु, चावल, मिठाई, नारियल, राखी आदि रखकर दीप जलाती है।
  • फिर भाई के हाथों में नारियल और सवा रुपया रखकर इसके बाद कुंकु, हल्दी और अक्षत से तिलक लगाती हैं।
  • शुभ मुहूर्त में तिलक लगाने के बाद दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है। 
  • इसके बाद मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। 
  • बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।
  • इसके बाद बहन भाई की आरती उतारती है और लोटे में भरा जल आसपास छोड़ती है। 
  • साथ ही भाई की उन्नती, सेहत और सुख के लिए मनोकामना करती है।
  • अंत में भाई आरती थी थाली में याथाशक्ति नगदी रखकर बहन को गिफ्‍ट या उपहार देकर उसके पैर पड़ता है।

राखी बांधते समय यह मंत्र बोला जाता है:-

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।

रक्षा बंधन के 3 अचूक उपाय:

1. भगवान शिव और हनुमान जी को बांधें राखी: भाई को राखी बांधने से पहले या बाद में, एक राखी भगवान शिव को और एक राखी हनुमान जी को अर्पित करें। भगवान शिव की कृपा से भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता है और जीवन में शांति आती है। हनुमान जी को राखी बांधने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और संकटों से मुक्ति मिलती है। यह भाई की तरक्की में आने वाली बाधाओं को भी दूर करता है।

 

2. नजर उतारने के लिए फिटकरी का उपाय: अगर आपको लगता है कि आपके भाई को किसी की नजर लगी है या उस पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है, तो राखी बांधने के बाद एक फिटकरी का टुकड़ा लें। इसे भाई के सिर के ऊपर से सात बार उल्टी दिशा में घुमाएं और फिर उस फिटकरी को आग में जला दें या किसी चौराहे पर फेंक दें। यह उपाय भाई को लगी बुरी नजर, नकारात्मक शक्तियों और ऊपरी बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।

 

3. बहन के हाथ से गुलाबी कपड़े में सामग्री लेना: रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन के हाथ से एक गुलाबी कपड़े में थोड़े से अक्षत, एक सुपारी और 01 का सिक्का ले। इसके बाद भाई बहन को वस्त्र, मिठाई और उपहार दे और चरण छूकर आशीर्वाद ले। गुलाबी कपड़े में ली गई सामग्री को तिजोरी या धन स्थान पर रख दें। यह उपाय घर से दरिद्रता दूर कर भाग्य चमकाता है और धन-समृद्धि में वृद्धि करता है।

 

रक्षा बंधन के नियम एवं सावधानियां:

1. सिर ढककर ही राखी बांधें और बंधवाएं।

2. पूजा सामग्री का सामान खंडित न हो।

3. पवित्रता का ध्यान रखें। तामसिक भोजन और शराब से दूर रहें। 

4. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। कपड़े साफ सुथरे पहनें।

5. राखी बांधते वक्त भाई का मुख पूर्व दिश की ओर होना चाहिए।

6. अनामिका अंगुली से ही भाई को तिलक लगाएं।

7. बहन भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे।

8. राखी बांधते समय मंत्र का जाप जरूर करें।

9. आज के दिन किसी भी प्रकार से बहन का दिल न दुखाएं।

10. शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधें। 

11. ऐसी राखी न बांधें जिस पर कोई अशुभ चिह्न हो या जो टूटी-फूटी हो।

12. भाई भी बहन को नुकीले, धारदार, काले, नीले, कत्थई या किसी भी प्रकार के नकारात्मक उपहार न दें।

13. जब भाई की कलाई से राखी उतरे तो उसे फेंकने के बजाय किसी नदी में प्रवाहित कर दें। 

14. जब बहन राखी बांधे तो भाई को अपने दाहिने हाथ में मुट्ठी बंद करके कुछ पैसे या अक्षत जरूर रखना चाहिए।

15. राखी के लिए भाई को चाहिए कि वह आगे रहकर अपनी बहन को अपने घर बुलाएं या उसके घर जाएं।

16. भाई को राखी बांधने के पहले गणेशजी, कुल देवता और अपने ईष्ट को जरूर राखी बांधें।

17. राखी बांधने के बाद, भाई को अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। 

18. बहन को यथाशक्ति उपहार और दक्षिणा देना चाहिए।

20. रक्षा बंधन का पर्व दिन में मनाया जाना चाहिए। यदि दिन में उचित मुहूर्त नहीं है तो प्रदोषकाल में मनाएं।



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