नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली
उनकी कुंडली के पहले भाव (लग्न) में मंगल और चंद्रमा विराजमान हैं। मंगल और चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी योग बनता है। इसके साथ ही, लग्न का स्वामी मंगल केंद्र में अपनी राशि में स्थित होकर ‘रूचक’ नामक पंच महापुरुष राजयोग बना रहा है।
1. चंद्र-मंगल की युति: यह योग जातक को एक सफल नेता, वकील, डॉक्टर या प्रशासनिक अधिकारी बनाता है।
2. रूचक राजयोग: मंगल अपनी राशि में होने के कारण रूचक राजयोग बना रहा है। मंगल छठे और पहले भाव का स्वामी होकर लग्न में स्थित है, जिससे उनके विरोधी उन पर हावी नहीं हो पाते।
3. उच्च का गुरु: चौथे भाव में गुरु शनि की कुंभ राशि में विराजमान है, जो लोगों के बीच लोकप्रियता और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। पाँचवें भाव में राहु और दसवें भाव (सिंह राशि) में शुक्र और शनि की युति है, जिसकी दृष्टि चौथे भाव पर है।
4. शुक्र-शनि की युति: यदि यह युति दसवें भाव में हो, तो व्यक्ति की जीवनशैली राजाओं जैसी होती है।
5. एकादश भाव: कन्या राशि में केतु, सूर्य और बुध की युति है। सुख और समृद्धि के भाव एकादश में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहा है।
वर्षफल कुंडली और भविष्य की भविष्यवाणी
वर्षफल की मूंथा
वर्तमान में नरेंद्र मोदी की कुंडली में मूंथा पहले भाव में है, जो एक अनुकूल स्थिति है। सितंबर 2026 तक उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में बहुत कड़ी मेहनत करनी होगी। इस मेहनत के बाद ही उन्हें चौतरफा प्रगति और बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
- वे अपने विरोधियों को हराने में सक्षम होंगे।
- उनका मान-सम्मान बढ़ेगा।
- उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और आर्थिक रूप से वे अधिक समृद्ध होंगे।
वर्तमान ग्रह गोचर
राहु: कुंभ राशि में लग्न में मौजूद है।
शनि: दूसरे भाव (मीन) में है।
बृहस्पति: पाँचवें भाव (मिथुन) में है।
चंद्रमा: छठे भाव (कर्क) में अपनी राशि में है।
शुक्र और केतु: सातवें भाव में युति बना रहे हैं।
मंगल: भाग्य भाव (नौवें भाव) में तुला राशि में है।
ज्योतिषीय दशा
लाल किताब: लाल किताब ज्योतिष के अनुसार, 17 सितंबर 2020 से 17 सितंबर 2026 तक शनि की महादशा चल रही है, जिसके अंतर्गत शनि की ही अंतर्दशा है। इसके बाद 17 सितंबर 2032 तक राहु की दशा शुरू होगी।
वैदिक ज्योतिष: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, 7 दिसंबर 2020 से मंगल की महादशा चल रही है, जो 7 मई 2027 तक रहेगी। वर्तमान में मंगल में शुक्र की अंतर्दशा है, जो 1 जनवरी 2027 तक चलेगी, जिसके बाद 7 मई 2027 तक सूर्य की अंतर्दशा रहेगी।
दशाफल: इस दशा का संकेत है कि वर्ष 2027 तक प्रधानमंत्री मोदी की शक्ति और भारत का सम्मान पूरी दुनिया में और भी अधिक बढ़ेगा। इसका अर्थ है कि उन्हें 2027 तक कोई पद से नहीं हटा सकता है। हालांकि, वर्ष 2026 में ऐसी परिस्थितियाँ बन सकती हैं, जब केंद्र सरकार को कुछ कड़े निर्णय लेने पड़ें, क्योंकि यह साल भारत में जनविद्रोह और दुनिया भर में नरसंहार का साल माना जा रहा है।
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