चंद्र ग्रहण: नेपाल में जन विद्रोह का कारण: 7 सितंबर, 2025 को हुए चंद्र ग्रहण को ज्योतिषियों ने 'उत्पात' का संकेत माना था। इसके ठीक दो दिनों बार 9 सितंबर 2025 मंगलवार को मंगल के 9 अंक का अद्भुत संयोग था। इस ग्रहण के ठीक बाद और 9 अंक के संयोग के दिन, नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ये प्रदर्शन जल्द ही एक जन विद्रोह में बदल गए, जिसमें 'जेन-जी' (Gen Z) के युवा नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई। इस विद्रोह के परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, यह घटना चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव का सीधा परिणाम थी, जिसने लोगों में असंतोष और विद्रोह की भावना को भड़काया।
सूर्य ग्रहण: भारत पर गहरा प्रभाव: अब सभी की निगाहें 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण पर टिकी हैं। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव चंद्र ग्रहण से भी अधिक शक्तिशाली होता है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि यह ग्रहण भारत की राजनीति पर गहरा असर डालेगा।
राजनीतिक उथल-पुथल: यह ग्रहण केंद्र सरकार में बड़े बदलाव या स्थिरता पर संकट ला सकता है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि यह किसी बड़े नेता के पद छोड़ने या सरकार में बड़े फेरबदल का कारण बन सकता है।
युद्ध की आशंका: ज्योतिषीय योगों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के साथ शनि और मंगल का षडाष्टक योग, और मंगल-राहु का योग युद्ध और बड़े संघर्ष की स्थितियाँ पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद भारत को सीमा पर या किसी अन्य देश के साथ तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
प्राकृतिक आपदाएं: यह ग्रहण भूकंप, बाढ़ और आगजनी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना को भी बढ़ा सकता है।
ग्रहों का अशुभ संयोग: ज्योतिषीय गणनाएँ बताती हैं कि 2025 में कई अशुभ योग बन रहे हैं, जैसे शनि-मंगल का षडाष्टक योग, राहु और शनि का पिशाच योग, और खप्पर योग। इन योगों को पहले ही कई प्राकृतिक और राजनीतिक आपदाओं का कारण माना जा चुका है, जैसे कि म्यांमार और अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप, और रूस-यूक्रेन तथा इजराइल-ईरान के बीच जारी युद्ध। 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण इन सभी अशुभ योगों के प्रभाव को और बढ़ा सकता है, जिससे आने वाले समय में बड़े बदलाव और चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं।
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