Shardiya Navratri 2025: देवी आराधना का पर्व 'नवरात्रि' शनै: शनै: अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर हो रहा है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में श्रद्धालुगण पूर्ण श्रद्धाभाव से देवी की आराधना करते हैं। नवरात्रि के नौ दिन यथाशक्ति भगवती की पूजा-अर्चना के उपरांत अंतिम दिवस 'महानिशा-पूजा' की जाती है। जिसमें राजराजेश्वरी मां जगदंबा की प्रसन्नता हेतु हवन किया जाता है।ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की तिथियों की लिस्ट, अष्टमी और नवमी कब जानें
हमारे सनातन धर्म में किसी भी अनुष्ठान की पूर्णता हवन के माध्यम से ही की जाती है। देवी जी की आराधना में हवन का विशेष महत्व होता है। हवन के उपरांत कन्या-भोज कराया जाता है। श्रद्धालुगण 'महानिशा-पूजा' का हवन यथाशक्ति व सामर्थ्य अनुसार संपन्न कर सकते हैं। किन्तु जिन श्रद्धालुओं द्वारा नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण तेरह अध्यायों का पाठ किया गया हो उन्हें दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से हवन करना एवं प्रत्येक अध्याय की विशेष आहुति जिसे 'महाआहुति' कहा जाता है, अर्पण करना श्रेयस्कर रहता है।
जो श्रद्धालुगण सप्तशती के मंत्रों से हवन करने के स्थान पर मात्र देवी के नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का पाठ कर हवन एवं महाआहुतियां अर्पण करना चाहते हैं वे देवी के नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' की माला के उपरांत प्रत्येक का अध्याय के निर्दिष्ट मंत्र का उच्चारण करके मां दुर्गा को 'महाआहुति' अर्पण कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि संपूर्ण तेरह अध्यायों की विशेष आहुतियां कौन-सी हैं-ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की तिथियों की लिस्ट, अष्टमी और नवमी कब जानें
1. पहला अध्याय-
मंत्र- ॐ महाकाल्यै स्वाहा
महाआहुति- कमलगट्टा, काली मिर्च, शहद, महुआ, राई।
2. दूसरा अध्याय-
मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा
महाआहुति- जायफल, जावित्री, कद्दू, पीली सरसों, राई।
3. तीसरा अध्याय-
मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा
महाआहुति- उड़द का बड़ा।
4. चौथा अध्याय-
मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा
महाआहुति- पंचमेवा व छुआरा (खारक)।
5. पांचवा अध्याय-
मंत्र- ॐ महासरस्वत्यै स्वाहा
महाआहुति- शक्कर व गन्ना।
6. छ्ठा अध्याय-
मंत्र- ॐ धूम्राक्ष्यै स्वाहा
महाआहुति- जासौन का फूल।
7. सातवां अध्याय-
मंत्र- ॐ चामुण्डायै स्वाहा
महाआहुति- बिल्वफल, बिल्वपत्र, पालक।
8. आठवां अध्याय-
मंत्र- ॐ रक्ताक्ष्यै स्वाहा
महाआहुति- रक्त चंदन।
9. नौवां अध्याय-
मंत्र- ॐ भैरव्यै तारा देव्यै स्वाहा
महाआहुति- केला, नागरमोथा, अगर, तगर।
10. दसवां अध्याय-
मंत्र- ॐ भगवत्यै स्वाहा
महाआहुति- बिजोरा नींबू।
11. ग्यारहवां अध्याय-
मंत्र- ॐ नारायण्यै स्वाहा
महाआहुति- खीर-पूड़ी।
12. बारहवां अध्याय-
मंत्र- ॐ राजराजेश्वर्यै स्वाहा
महाआहुति- दाड़िम (अनार)।
13. तेरहवां अध्याय-
मंत्र- ॐ दुर्गा देव्यै स्वाहा
महाआहुति- श्रीफल।
-ज्योतिर्विद् पं हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
संपर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
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