Shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में एकादशी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां


Ekadashi Shraddha significance: श्राद्ध पक्ष में एकादशी तिथि का श्राद्ध करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि को हुई हो, चाहे वह किसी भी पक्ष की हो। यह श्राद्ध पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करने के लिए किया जाता है।ALSO READ: shradh 2025: श्राद्ध कर्म के लिए कुतुप और रोहिण काल का क्यों माना जाता है महत्वपूर्ण, जानें महत्व और सही समय

 

एकादशी श्राद्ध 2025: तिथि और कुतुप काल 

 

इस साल, श्राद्ध पक्ष में एकादशी श्राद्ध 17 सितंबर 2025, बुधवार को किया जाएगा।

 

एकादशी तिथि का प्रारम्भ- 17 सितबंर 2025 को 12:21 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त- 17 सितबंर 2025 को 11:39 पी एम बजे

 

श्राद्ध अनुष्ठान करने का समय:

 

अपराह्न काल - 01:46 पी एम से 04:13 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 27 मिनट्स

 

कुतुप मुहूर्त - 12:08 पी एम से 12:57 पी एम

अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स

 

रौहिण मुहूर्त - 12:57 पी एम से 01:46 पी एम

अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स

 

एकादशी श्राद्ध करने का तरीका:

 

पवित्रता: श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए।

 

तर्पण: सबसे पहले हाथ में जल, जौ, कुशा और काले तिल लेकर पितरों का तर्पण करें।

 

पिंडदान: आटे, जौ, तिल और चावल से पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।

 

भोजन का भोग: पितरों के लिए शुद्ध सात्विक भोजन (खीर, पूड़ी, सब्जी) बनाएं।

 

ब्राह्मणों को भोजन: भोजन का एक हिस्सा कौवे, गाय, कुत्ते और चींटियों को दें। इसके बाद, किसी ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।

 

श्राद्ध में बरतने वाली सावधानियां:

 

पवित्रता: श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

 

अन्न: श्राद्ध के दिन मसूर की दाल, प्याज, लहसुन, मूली और अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें।

 

निषेध: इस दिन बाल कटवाना, दाढ़ी बनाना या नाखून काटना वर्जित होता है।

 

दान: श्राद्ध के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करें।

 

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