Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष की अमावस्या पर करें 5 अचूक उपाय, होगा बहुत ही शुभ लाभ

How to Celebrate Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को विशेष महत्व दिया जाता है, खासकर धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से। यह दिन विशेष रूप से तंत्र-मंत्र, साधना, और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन किए गए कुछ अचूक उपायों से जीवन में शुभ लाभ मिल सकता है। यह माह भगवान श्रीकृष्ण का होने के कारण उनका तथा देवी लक्ष्मी का पूजन विशेष रूप से किया जाता है।ALSO READ: Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या के उपायों से जीवन में बनेगा एक नई शुरुआत का संयोग, जानें 8 प्रमुख उपाय

 

यहां पाठकों की सुविधा के लिए 5 ऐसे उपाय दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप मार्गशीर्ष अमावस्या पर कर सकते हैं:

 

1. पितरों को तर्पण और श्राद्ध करें:

 

अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन आप अपने पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए तर्पण करें, और उन्हें जल में तिल मिलाकर अर्पित करें। यह आपके परिवार में सुख-समृद्धि लाने के साथ-साथ पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।

 

2. दीन-हीन और ब्राह्मण को दान करें:

 

अमावस्या पर दान देने का अत्यधिक महत्व है। इस दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को कपड़े, अनाज, तिल, चावल, और सफेद वस्त्र दान करना शुभ होता है। इससे आपके जीवन में धन की वृद्धि होती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

3. दीप जलाकर पूजा करें:

 

अमावस्या की रात को घर के आंगन या मंदिर में दीप जलाना बेहद शुभ माना जाता है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है और घर में सुख-शांति का वास होता है। इसके साथ ही, दीप जलाते वक्त अपने परिवार के सुख-समृद्धि और स्वस्थ जीवन की कामना करें।

 

4. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें: 

 

मार्गशीर्ष अमावस्या पर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जी की उपासना से भय, संकट और मानसिक तनाव दूर होते हैं। यह उपाय विशेष रूप से उधारी, कर्ज या किसी अन्य प्रकार की समस्या से उबरने में सहायक होता है।ALSO READ: Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, 19 या 20 नवंबर? जानें शुभ मुहूर्त

 

5. शिव पूजा और बेलपत्र अर्पित करें:

 

अमावस्या के दिन शिव पूजा का आयोजन करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ बेलपत्र अर्पित करें और ओंकार का जाप करें। ओंकार शब्द ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है और इसका सब कुछ एक ही मूल तत्व से बना है, यही इसका अर्थ है। इस उपाय से विशेष रूप से मानसिक शांति मिलती है और जीवन के सारे विघ्न दूर होते हैं। साथ ही, यह उपाय कर्मों को सही दिशा में लाने में मदद करता है।

 

इन उपायों के साथ ही मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराएं। गाय को रोटी या हरा चारा दें। पितृ कृपा हेतु छत पर कौवों के लिए भोजन रखें। कुत्त के रोटी या बिस्किट दें।

 

अमावस्या का दिन पवित्र ऊर्जा से भरा होता है, और इस दिन किए गए अच्छे कार्यों का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। इन उपायों को पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। इन उपायों से न केवल आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी, बल्कि आपको आत्मिक शांति और पितृदोष से मुक्ति भी मिल सकती है।

 

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