
Importance of Paus Amavasya: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस बार पौष अमावस्या 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष मास की अमावस्या विशेष महत्व रखती है, खासकर विशेष रूप से उत्तर भारत में।ALSO READ: December 2025 Festivals: दिसंबर माह के प्रमुख व्रत और त्योहार, जानें विशेष जानकारी
इस दिन को विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान, व्रत, और तीर्थ यात्रा के लिए महत्व दिया जाता है। अमावस्या का दिन एक नए चंद्र मास की शुरुआत का प्रतीक होता है, और इसे पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का अवसर भी माना जाता है। इस दिन तिल का दान, धार्मिक अनुष्ठान, व्रत और तप तथा समाज सेवा के कार्य और दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
आइए यहां जानते हैं पौष अमावस्या व्रत के फायदे और महत्व के बारे में...
पौष अमावस्या का महत्व: पितृ तर्पण: इस दिन को पितृ पक्ष के समान माना जाता है। परिवार के सदस्यों द्वारा अपने पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पूजा करने का विशेष महत्व है। इसे 'पितर अमावस्या' भी कहा जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौष मास की अमावस्या के दिन व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक लाभ के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। इसे विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के अवसर के रूप में देखा जाता है।ALSO READ: Pradosh Vrat December 2025: दिसंबर माह में पड़ेंगे दो प्रदोष व्रत, जानें महत्वपूर्ण तिथियां और महत्व
पौष मास की अमावस्या के व्रत के 5 फायदे:
1. पापों का नाश: इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसके जीवन में पुण्य का संचय होता है। यह दिन पापों के क्षय और पुण्य की वृद्धि के लिए उपयुक्त है।
2. पितरों का आशीर्वाद: इस दिन पितरों की पूजा करने से उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। पितृ दोष भी दूर होता है।
3. मानसिक शांति: व्रत और ध्यान से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। इस दिन की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जो व्यक्ति को मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाती है।
4. आध्यात्मिक उन्नति: पौष मास की अमावस्या का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उसे आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करता है और जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद करता है।
5. धन-धान्य की वृद्धि: यह व्रत व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता लाने में मदद करता है। इसके माध्यम से व्यक्ति को आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ और परिवार में खुशहाली का अनुभव होता है।
पौष मास की अमावस्या विशेष रूप से व्रत, पूजा और तर्पण का दिन होता है, जो न केवल पितरों की तृप्ति के लिए, बल्कि आत्मा की शांति और जीवन में समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत और पूजा से व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
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