हिन्दू धर्म में देवी देवताओं के पूजन को बड़ा महत्व दिया जाता है, लेकिन सभी देवताओं में प्रथम स्थान माता शक्ति देवी दुर्गा माँ को दिया जाता है जो शिव की भी शक्ति कही जाती है, और इनकी शरण में जाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ कई समस्याओं का भी समाधान हो जाता हैं । अगर आप माता की विशेष कृपा पात्र बनना चाहते हैं तो इस स्त्रोत को सिद्ध कर पाठ करने से माँ दुर्गा की कृपा से इच्छिच फल मिलता हैं ।
माँ दुर्गा का सिद्ध कुंजिका स्त्रोत
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत को दुर्गा सप्तशती पाठ का सार माना जाता है, इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मिलने वाला सम्पूर्ण फल सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ के करने मात्र से मिल जाता है । दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण पाठ करने में कम से कम 3 घंटे का समय लगता है, लेकिन सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ कुछ मिनट में ही पूर्ण हो जाता है । यदि कोई संकल्प लेकर सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र का नियमित जप करते है तो माँ दुर्गा के आशीर्वाद से सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है ।
सिद्ध कुंजिका मंत्र को सिद्ध करने की सरल विधि
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे । ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।
पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपडा बिछाकर माँ दुर्गा की फोटो स्थापित कर आव्हान व पूजन करें । इस मंत्र को एक कोरे सफेद कागज पर लिखकर फोटो के नीचे रख दें । चौकी के बायीं तरफ गाय के घी का एक दीपक जलाने के बाद श्री गणेश जी के प्रतिक रूप में एक बड़ी सुपारी में लाल धागा लपेटकर चावल की ढेरी के आसन पर स्थापित कर आव्हान व पूजन करें, अब आप कुशा का आसन पर बैठकर 21 दिनों तक 108 बार इस स्त्रोत मंत्र का जप करें ।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के लाभ
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र को सिद्ध कर जपने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और पीडाएं अपने आप दूर होने लगती है, समाज में मान -सम्मान मिलने के साथ घर में घन -लक्ष्मी की वृद्धि होने लगती हैं ।
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