आषाढ़ माह क्यों है खास, जानिए व्रत, त्यौहार और महत्व

वर्षा ऋतु का आगमन और आषाढ़ मास की शुरूआत लगभग एक साथ ही होती हैं, हिंदू पंचाग के अनुसार साल का चौथा महिना भी होता है आषाढ़ मास । अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून या जुलाई माह में आषाढ़ का महीना पड़ता है । इस वर्ष 2018 में आषाढ़ का महिना 29 जून से आरंभ होकर 27 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा, शास्त्रों में आषाढ़ माह का बहुत महत्व बताया गया है, जाने इसके व्रत, त्यौहारों और महत्व के बारे में पं. अरविंद तिवारी से ।

आषाढ़ माह का महत्व


पं. अरविंद तिवारी (भोपाल) ने बताया कि हिंदू वर्ष के चौथे महीने का नाम है आषाढ़ मास, यह मास ज्येष्ठ व सावन मास के बीच आता है, इस माह से ही वर्षा ऋतु का आगमन भी होता है, हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं, मास की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा गया है, आषाढ़ नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर आधारित हैं, आषाढ़ माह की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं नक्षत्रों में रहता है जिस कारण इस महीने का नाम आषाढ़ पड़ा है । संयोगवश यदि पूर्णिमा के दिन उत्ताराषाढ़ा नक्षत्र हो तो यह बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है, इस संयोग में दस विश्वदेवों की पूजा की जाती है, इसी माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है, एवं इसी माह की पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा का विशेष पर्व भी मनाया जाता हैं ।

 

व्रत एवं त्यौहार


1- योगिनी एकादशी- आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है यह तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है, एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया हैं, योगिनी एकादशी 9 जुलाई 2018 को है ।

 

2- आषाढ़ अमावस्या- अमावस्या तिथि बहुत ही पवित्र तिथि मानी जाती है, विशेष कर स्नान, दान-पुण्य, पितृ कर्म आदि के लिये तो बहुत ही पुण्य फलदायी मानी जाती है । आषाढ़ मास की अमावस्या 13 जुलाई 2018 को शुक्रवार के दिन है ।

 

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3- गुप्त नवरात्रि- प्रत्येक वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं, साल की पहली नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में आरंभ होती है जिसे वासंती नवरात्र भी कहते हैं, दूसरी नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होती हैं, जिसे शारदीय नवरात्र के रूप में मनाया जाता हैं । लेकिन चैत्र नवरात्रि और आश्विन नवरात्रि के अलावा भी साल में दो नवरात्रि और आती है जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं । पहली गुप्त नवरात्रि माघ माह में आती हैं और दूसरी आषाढ़ माह में, इन दोनों गुप्त नवरात्रियों का भी बड़ा महत्व माना गया हैं । आषाढ़ माह में इस बार गुप्त नवरात्र 13 जुलाई 2018 से शुरु होंगे ।

 

3- जगन्नाथ यात्रा- आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती है, इसमें भगवान श्री कृष्ण, माता सुभद्रा व बलराम का पुष्य नक्षत्र में रथोत्सव निकाला जाता है । इस वर्ष जगन्नाथ यात्रा 13 जुलाई 2018 निकाली जायेगी ।

 

4- देवशयनी एकादशी- देवशयनी एकादशी को बहुत ही खास एकादशी माना गया है, इस दिन से धर्म-कर्म का दौर शुरु होने के साथ ही देवशयनी एकादशी से सभी मांगलिक कार्यक्रम होना कुछ समय के लिए बंद हो जाते हैं । कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु इस दिन से चतुर्मास के लिये सो जाते हैं और देवउठनी एकादशी को ही जागते हैं । इस बार देवशयनी एकादशी 23 जुलाई 2018 को है ।

 

5-आषाढ़ पूर्णिमा- आषाढ़ पूर्णिमा का दिन सबसे खास दिन माना जाता हैं, इस दिन को गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा को महापर्व के रूप मनाया जाता हैं । इस बार आषाढ़ पूर्णिमा 27 जुलाई 2018 को मनाई जायेगी ।

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