गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर मरीज को बड़े बड़े हॉस्पिटल में ले जाया जाता है, और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दवाईयां भी दी जाती हैं, परंतु कई बार महंगे से महंगे इलाज के बावजूद भी रोग ठीक नहीं हो पाते, बीमारी की मूल वजह दूर किए बिना केवल बाहरी इलाज कराने से ही ऐसे प्रयास बेकार ही जाते हैं, लेकिन ज्योतिष व तंत्र में कुछ ऐसे मंत्र दिये गए हैं जिनका प्रयोग कर जटिल से जटिल रोगों को ठीक किया जा सकता हैं । अगर आध्यात्मिक दृष्टि से देखें, तो हर तरह के रोगों के मूल कारण इंसान के पूर्व जन्म या इस जन्म के पाप माने जाते हैं, और इनके निवारण के लिए आयुर्वेद में अनेक देवी देवताओं का ध्यान करते हुए दवाई खिलाने या उनके विशेष मंत्रों की साधना से ही शारीरिक और मानसिक आधि व्याधियां नष्ट हो जाती हैं ।
आयुर्वेद कहता है कि जप, यज्ञ, देवताओं का पूजन, ये भी रोगों की दवाएं हैं, ऐसे में रोगों के नाश के लिए विशेष पूजा और देवताओं के मंत्र के प्रयोग से रोग खत्म हो जाते हैं ।
अगर कोई व्यक्ति जटिल रोग से पीड़ित हों, तो उन्हें श्री हनुमानजी की शरण में जाना चाहिए, और रोगनाश के लिए श्री हनुमानचालीसा की इन चौपाइयों और दोहों को मंत्र की तरह जपने से रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं ।
दोहा मंत्र
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार ।
चौपाई मंत्र
नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ।
इन दोनों का श्रद्धा पूर्वक 108 बार जप करने से जटिल से जटिल रोग भी ठीक हो जाते हैं, एवं रोगी की शारीरिक दुर्बलता, मानसिक क्लेश आदि भी दूर हो जाते हैं । इन मंत्रों का जप कोई भी व्यक्ति दिन या रात में, जब कभी भी मौका मिले, हनुमानजी के मंदिर में, घर में या जहां मरीज हो उस जगह बैठकर श्री हनुमान जी का ध्यान करते हुए करने रोग ठीक हो जाता हैं ।
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