पुरी ही नहीं यहां भी 500 साल से निकल रही हैं जगन्नाथ यात्रा

हम सब जानते हैं कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा देश ही नहीं दुनिया में जानी जाती हैं, पर क्या आप जानते हैं कि पुरी ही नहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी 500 सालों से रथयात्रा निकलती हैं । रायपुर की पुरानी बस्ती टुरी हटरी में बना ऐतिहासिक प्राचीन जगन्नाथ मंदिर को इतिहासकार लगभग 500 साल पुराना बताते है, यहां भी पिछले 500 सालों से भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती हैं । यहां निकलने वाली रथयात्रा को खींचने का मौका श्रद्धालु कभी नहीं छोड़ते, और भीड़ के कारण मौका न मिले तो भी वे रथ की रस्सी को मात्र छूने का अवसर ढूंढ़ते हैं ।

 

ओडिशा से आते हैं कारीगर


श्रद्धालुओं का मानना है कि भगवान के रथ को खींचने से उनके पाप व कष्ट दूर होते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है । रथयात्रा के लिए यहां पूरे मंदिर परिसर का रंगरोगन कार्य जोरशोर से किया जाता है, और भगवान के नगर भ्रमण के लिए भरपूर तैयारी की जाती हैं । भगवान के रथ को बनाने के लिए यहां भी ओडिशा से कारीगर आते हैं, और रथयात्रा के दो दिन पहले ही पूरी रथ बनाकर से तैयार कर देते है ।

 

इस साल जिस प्रकार ओडिशा के पवित्र धाम पुरी में 14 जुलाई को रथयात्रा निकाली जायेगी, ठीक इसी दिन राजधानी रायपुर में भी रथयात्रा निकलेगी । रथयात्रा पुरे शहर में निकलने के बाद पुरानी बस्ती के मुख्य मार्ग पर भगवान श्री जगन्नाथ नौ दिन के लिए विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं । भगवान को विशेष प्रकार के प्रसाद का भोग लगाया जाता हैं । बाद में इसी भोग लगे हुए महाप्रसाद को सभी भक्तों में बाट दिया जाता हैं, ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद का सेवन करने से व्यक्ति सालभर निरोगी रहता है । रायपुर में पुरानी बस्ती के अलावा अवंति विहार, सदरबाजार, आमापारा, शास्त्री बाजार बांस टॉल, लिली चौक व गुढ़ियारी स्थित जगन्नाथ मंदिरों से भी रथयात्रा निकली जाती हैं ।

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