श्रावन मास में इन अति प्राचीन शिव धामों में जलाभिषेक करने से तत्काल प्रसन्न होते हैं महादेव

श्रावन मास में इस बार 19 सालों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है कि सावन में महीने में शिव की साधना के लिए 28, 29 नहीं बल्कि पूरे 30 दिन होंगे, यूं तो सावन के महीने में किसी भी शिवालय या मंदिर में भगवान शंकर को जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है । लेकिन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन महीने में अगर कोई शिव भक्त बारह ज्योतिर्लिंगों में से किसी एक भी जगह शिवजी का जलाभिषेक करता है तो उसे अनंत फल की प्राप्ति होती है । जानिए देव भूमि भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों का जलाभिषेक करने के अद्भूत लाभ ।

 

1- सोमनाथ
गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत स्थित काठियावाड़ क्षेत्र में सोमनाथ मंदिर है, यहां भगवान शंकर सोमनाथ रूप में विराजमान हैं । यह क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए भी खास है, इसी जगह पर श्रीकृष्ण ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त की थी । कहा जाता हैं कि यहां सावन माह में ज्योतिर्लिंग सोमनाथ भगवान का जो भी भक्त जल से अभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पुरी हो जाती हैं ।

 

2- मल्लिकार्जुन
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर भगवान शंकर श्रीमल्लिकार्जुन के रूप में विराजमान हैं, इसे दक्षिण भारत का कैलाश भी कहते हैं, ऐसी मान्यता है कि श्रीशैल पर्वत पर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का पूजन और जलाभिषेक करने से अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है । यहां पहुंचने के लिए हैदराबाद से सीधी बस सेवा है. चाहें तो कार बुक कर भी पहुंच सकते हैं ।

 

3- महाकालेश्वर
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में भगवान शंकर महाकालेश्वर के रूप में विराजमान हैं, यहां महादेव की पूजा शव भस्म से होती है । मान्यता है कि यहां भगवान के दर्शन करने से अकाल मृत्यु का संकट खत्म हो जाता है, और इस ज्योतिर्लिंग का शुद्धजल से अभिषेक करने से असाध्य से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं ।

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4- ओंकारेश्वर
मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर से महज 140 किलोमीटर की दूर पर ही ओंकारेश्वर है । यहां भगवान शंकर का विशालकाय शिवलिंग है. मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर है ।

 

5- केदारनाथ
भगवान शंकर उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग रूप में विराजमान हैं, यह ज्योतिर्लिंग हिमालय की चोटी पर स्थित है, साल 2013 में पूरे उत्तराखंड में प्रकृति का भयानक तांडव देखने को मिला था, लेकिन इस मंदिर को तनिक भी नुकसान नहीं पहुंचा था । केदारनाथ के नजदीक ही बद्रीनाथ मंदिर है, इन दोनों मंदिरों में एक साथ दर्शन करने व इनका अभिषेक से कई दुखों से मुक्ति मिलती है ।

 

6- भीमशंकर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के डाकिनी में स्थित ज्योतिर्लिंग का नाम ‘भीमशंकर’ है, यहां मुंबई और पुणे से पहुंचना आसान है, 12 ज्योतिर्लिंग में श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का छठा स्थान हैं । ऐसी मान्यता हैं कि यहां शिवजी का जलाभिषेक करने से जन्म जन्मातंरों के पापों का नाश होता है ।

 

7- विश्वनाथ मंदिर
उत्तरप्रदेश के वाराणसी (काशी) में बाबा विश्वनाथ विराजवान हैं, इस ज्योर्तिलिंग में भगवान शंकर विश्वनाथ के रूप में हैं कहते हैं, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है । बाबा विश्वनाथ का अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं ।

 

8- त्र्यंबकेश्वर
महाराष्ट्र के नासिक में स्थित ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’ के नाम से जाना जाता है, यह ज्योतिर्लिंग ब्रह्मगिरि के पास गोदावरी नदी कें किनारे स्थित है, इसे त्र्यम्बक ज्योतिर्लिंग, त्र्यम्बकेश्वर शिव मंदिर भी कहते है । भगवान त्रयम्बक का जलाभिषेक करने से कालसर्प दोष का निवारण होता हैं ।

 

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9- बाबा वैद्यनाथ
झारखंड के देवघर में भगवान शंकर बाबा ‘वैद्यनाथ’ के रूप में मौजूद हैं, इस नौवां ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि जब लंकापति रावण भगवान शंकर को श्रीलंका ले जा रहा था, तभी उसे लघुसंका की नौबत आ गई, उसने भगवान को यहां रखा जो उस स्थान से दोबारा हिले ही नहीं और भगवान शंकर यहां बाबा ‘वैद्यनाथ’ के रूप में मौजूद हैं । पुराणों में इस जगह को चिताभूमि कहा गया है । यहां जलाभिषेक करने से अनेक सिद्धियों की प्राप्ति होती हैं ।

 

10- नागेश्वर
गुजरात के बड़ौदा में गोमती द्वारका के नजदीक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है, जो कि दारूकावन के नाम से जाना जाता है । कुछ लोग दक्षिण हैदराबाद के औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग को भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं, तो कुछ लोग उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित जागेश्वर शिवलिंग को ज्योतिर्लिंग कहते हैं । यहां जल और दुध मिलाकर अभिषेक करने से जीवन में अथाह धन धान्य की प्राप्ति होती हैं ।

 

11- रामेश्वरम
दक्षिण भारत में तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग ‘रामेश्वर’ के नाम से जाना जाता हैं, रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबन्ध तीर्थ भी कहा जाता यहां समुद्र के किनारे भगवान रामेश्वरम का विशाल मंदिर है जो हिंदुओं के चार धामों में से एक धाम हैं । इस ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती हैं ।

 

12- घृश्णेश्वर
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर ‘बेरूलठ गांव के पास है, इस स्थान को ‘शिवालय’ भी कहा जाता है. घृश्णेश्वर को लोग घुश्मेश्वर और घृष्णेश्वर भी कहते हैं । घृश्णेश्वर जी का जल से अभिषेक करने से किसी भी चीज का भय नहीं होता ।

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