शिवजी को प्रिय सावन मास में करें भोलेनाथ के इन प्रिय मंत्रों का जप, होगी हर मनोकामना पूरी


धार्मिक द्रष्टि से सभी 12 महीनों में सबसे अधिक महत्व रखने वाला श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करना विशेष रूप से फल प्रदान करने वाला माना गया है, शास्त्रों के अनुसार शिवजी का प्रिय श्रावण मास में विधिवत शिव पूजा से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है, इस पवित्र मास में भगवान शिव के इन प्रिय मन्त्रों द्वारा उनकी आराधना करने से इच्छित मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

 

इसलिए सावन मास भगवान शिव को अति प्रिय हैं
पौराणिक कथानुसार शिव की अर्धांगिनी देवी सती के द्वारा देह त्याग करने के पश्चात् उन्होंने पुनः हिमवान राजा के घर पुत्री पार्वति के रूप में जन्म लिया, पार्वती के रूपी सती ने शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन मास में कठोर तप किया था, तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी स्वरुप स्वीकार किया । सावन में सति से पुनः मिलन के कारण ही भगवान शिव को सावन मास अति प्रिय है, इसलिए सावन मास में जो भी भक्त शिवलिंग पूजा, शिवलिंग अभिषेक, सोमवार के व्रत व अनुष्ठान आदि करते है भगवान शिव उनकी प्रत्येक मनोकामना अवश्य ही पूरी करते है ।

 


सावन मास में इन मंत्रों का करें जप
पूरा श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है, इस मास में किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान व मंत्र साधना या मंत्र जप करना शीघ्र फलदायी होता हैं । कहा जाता हैं कि सावन मास में भगवान शिव के प्रिय मन्त्रों द्वारा उनकी आराधना करने से भक्त के हर रोग, कष्ट दूर होते है । सावन में इन शिव मन्त्रों का जप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता हैं ।

 

उपासना मंत्र

।। ॐ नमः शिवाय ।।

छोटे से दिखाई देने वाले भगवान शिव के इस मन्त्र की महिमा का गुणगान शब्दों में करना कठिन होगा, सावन मास में इस मंत्र का जप करने से जातक को हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है । किसी रोग या बीमारी से पीड़ित होने पर ,वैवाहिक जीवन में कलह रहने पर या परिवार में कलह रहने पर भगवान शिव के इस प्रिय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करने से लाभ होता हैं ।

 

Sawan maas

।। महामृत्युंजय मंत्र ।।


ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।।

 

वेद शास्त्रों में भगवान शिव के इस मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली माना गया है, अकाल मृत्यु का भय होने पर, भयंकर रोग से पीड़ित होने पर या मोक्ष की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जप करना बहुत फलदायी होता हैं । इस मंत्र का जप किसी शिवालय में शिवलिंग के समक्ष बैठकर करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं ।

 

।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।। - घर में सुख-शांति व धन की कामना के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जप करने से लाभ होता है ।

उपरोक्त मंत्रों के अलावा भी नीचे दिये गए मन्त्रों द्वारा भी भगवान शिव को प्रसन्न कर हर मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती हैं ।

 

1- ॐ जुं स:

2- ॐ हौं जूं स:

3- ॐ ह्रीं नम: शिवाय

4- ॐ ऐं नम: शिवाय

4- ॐ पार्वतीपतये नमः

 

सावन में मंत्र जप विधि


उपरोक्त सभी मन्त्रों का जप साधक अपने घर पर या शिवालय दोनों जगहों पर कर सकते है किन्तु महामृत्युंजय मंत्र का जप केवल शिवालय में ही करने चाहिए । मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का ही प्रयोग करें व गोमुखी में रखकर ही मंत्र जप करें । पूर्व दिशा में आसन बिछाकर बैठकर, सामने चौकी पर शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें व सामने धुप, दीपक जलाकर संकल्प लेकर मंत्र जप करने से अधिक लाभ होता हैं । श्रावण मास में प्रतिदिन जप करने के बाद या पहले शिवलिंग का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए ।

Sawan maas

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