बुद्धि प्रदाता भगवान श्रीगणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता हैं । गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा की जाती है । ऐसी मान्यता है कि भादों माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था । इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 13 सितम्बर 2018 को प्रारंभ होगा । यह उत्सव लगातार 10 दिनों तक पूरे हिन्दूस्तान में बड़ी श्रद्धा के साथ धूमधाम से मनाया जाता हैं । जाने मूर्ति स्थापना व पूजा का शुभ मुहूर्त का शुभ समय ।
मूर्ति स्थापना व पूजा का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीगणेश जी का जन्म दोपहर के समय में हुआ था, इसीलिए गणेश स्थापना व पूजा करने के लिये सबसे शुभ और उपयुक्त माना जाता है । गणेश चतुर्थी के दिन, गणेश स्थापना और गणेश पूजा, दोपहर के समय ही करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में श्रीगणेश जी की पूजा के लिये सबसे उपयुक्त समय दोपहर को ही माना जाता है । शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार गणेश चतुर्था के दिन आकाश में चन्द्रमा के दर्शन भूलकर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर इस दिन चन्द्रमा के दर्शन से दर्शन करने वाले के उपर झूठे आरोप लग जाते हैं ।
गणेश मूर्ति स्थापना व पूजा का शुभ समय - 13 सितंबर 2018 को सुबह 11 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक का मुहूर्त सबसे अच्छा रहेगा । इस दिन गणेश जी की विशेष रूप से षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए ।
कुल अवधि - 2 घंटा 26 मिनट तक
13 सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन आकाश में चन्द्रमा को नहीं देखने का समय रहेगा । सुबह 09 बजकर 33 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक ।
कुल अवधि - 11 घंटे 50 मिनट तक ।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 12 सितम्बर 2018 सायंकाल- 04 बजकर 07 मिनट तक
।
चतुर्थी तिथि समाप्त होगी - 13 सितम्बर 2018 को दोपहरस 2 बजकर 51 मिनट तक ।
गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव, चतुर्थी तिथि से शुरू होकर 10 दिनों तक चलता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है, जिसे गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है । अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु-जन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी इत्यादि में विसर्जन करते हैं ।
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