जन्माष्टमी- भगवान श्रीकृष्ण का 5245 वां जन्मोत्सव- जाने कब है पूजा का शुभ मुहूर्त

शिव का प्रिय सावन माह समाप्त होते ही भाद्रपद माह लग चुका हैं, और भादो माह में सबसे बड़ा जो पर्व आता हैं वह है जन्माष्टमी का त्यौहार जो पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य दिवस जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता हैं । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है । यह पर्व इस बार 3 सितंबर 2018 को है । शास्त्रों के अनुसार यह जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का 5245 वां जन्मोत्सव है ।

 

भगवान श्री विष्णु का एक अवतार माना जाता है जिससे यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए पूजा और उपासना की दृष्टि से जन्माष्टमी का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना गया है । वैष्णव लोग इस दिन व्रत रखते हैं अष्ठमी की रात 12 बजे भगवान का श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते है । इस दिन हजारों श्रद्धालु दूर दूर से योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जाकर कान्हां की जन्मभूमि का दर्शन करते हैं । कहा जाता हैं तो भी भक्त इस दिन नंदलाल की शरण में जाते है और अपने कष्टों के निवारण के लिए सहायता मांगते तो यशोदानंदन उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं । इस दिन शहरों, गांवों के गली मुहल्लों में श्रीकृष्ण जन्म के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास से मनाते हैं । कुछ भक्त भगवान विष्णु जी या श्री राधाकृष्ण मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं ।

 


कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

 

अष्टमी तिथि-
2 सितंबर 2018 दन रविवार को रात्रि 8 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होकर दूसरे दिन यानी की 3 सितंबर 2018 को शाम 7 बजकर 19 तक रहेगी ।

 

जन्माष्टमी पूजन का निशित समय रात्रि 11 बजकर 58 मिनस से रात्रि 12 बजकर 44 मिनट तक तक शुभ मुहूर्त श्रीकृष्ण पूजा के लिए निशित मुहूर्त हैं ।

 

यह शुभ मुहूर्त व्रत उपवास रखने वालों के लिए होगा कि क्योंकि 3 सितंबर को शाम 8 बजे तक ही रोहणी नक्षत्र रहेगा । जबकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्स 3 सितंबर की रात को ही मनाया जाएगा । क्योंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय 3 सितंबर को होगा । व्रत का परायण 3 सितंबर को रात आठ बजे के बाद किया जा सकेगा । क्योंकि आठ बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा ।

krishna janmashtami

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2MTi0N7
Previous
Next Post »