भारत में जितने भी तीर्थ स्थल है, हर तीर्थ का अपना अलग महत्व है। इन तीर्थ स्थलों में कई चमत्कार देखने को मिलते हैं आज हम आपको ऐसा ही एक अद्भुत तीर्थ स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पहाड़ पर केसर और चंदन की बरसात होती है। इस अद्भुत व सुंदर दृष्य को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां पूरी दुनिया भर से लोग घूमने आते हैं। जिस स्थान की हम बात कर रहे हैं वह मुक्तागिरी नाम से प्रसिद्ध है। यह शहर अपनी सुंदरता, रमणीयता और धार्मिक प्रभाव के कारण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस स्थान पर दिगंबर जैन संप्रदाय के कुल 52 मंदिर हैं। यहां भगवान पाशर्वनाथ जी का मंदिर स्थापित है। यह मंदिर मध्यप्रदेश के बैतुल जिले में स्थित है
यहां मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की सप्तफणिक प्रतिमा स्थापित है, जो शिल्पकला का बेजोड़ नमूना है। इस क्षेत्र में स्थित मानस्तंभ, मन को शांति और सुख प्रदान करने वाला है। निर्वाण क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यहां आकर सुकून मिलता है। मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है और यही कारण है कि देश में कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी ही नहीं दूसरे धर्मों को मानने वाले लोग भी आते हैं।
पैराणिक कथा के अनुसार...
लोक मान्यताओं के अनुसार 1000 वर्ष पहले मुनिराज ध्यान में मग्न थे और उनके सामने एक मेंढक पहाड़ की चोटी से नीचे गिर गया। उस मुनिराज ने मेंढक के कानों में णमोकार मंत्र का उच्चारण किया। जिसके कारण यह मेंढक मरने के बाद स्वर्ग में देवगति को प्राप्त हुआ। इसी कहानी के अनुसार ही तब से हर अष्टमी और चौदस को इस पहाड़ पर केसर और चंदन की वर्षा होती है। मेढ़क की इसी कहानी के कारण इस पहाड़ी का नाम मेढ़ागिरी पड़ गया। इन कहानियों के अनुसार इस जगह की बहुत मान्यता है। दूर-दूर से लोग चन्दन और मोतियों की बारिश देखने के लिए यहा आते हैं। इस जगह के इतिहास में मेढ़ागिरी पर्वत को बहुत पवित्र माना गया है।
पहाड़ी पर स्थित है मंदिर
यह क्षेत्र पहाडी पर स्थित है और क्षेत्र में पहाड पर 52 मंदिर बने हुए है। यहीं पहाड की तहलटी पर 2 मन्दिर है। इस रमणीय क्षेत्र पर अधिकतर मन्दिर 16वीं शताब्दी या उसके बाद के बने हुए हैं। यहां आपको पहाड पर पहुंचने के लिए 250 सिढीयां चढ़ कर जाना पड़ता है। मतलब पूरी यात्रा के लिए लगभग 600 सिढीयां चढ़नी पड़ती है। क्षेत्र पर 250 फुट की ऊंचाई से जलप्रपात गिरता है। इस जलप्रपात से जुलाई-जनवरी तक अविरल धारा गिरती रहती है। यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से अद्भुत सुंदरता का प्रतीक है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2wiBscv
EmoticonEmoticon