भगवान गणपति को सुखकर्ता व दुखहर्ता कहा जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले गजानन की पूजा की जाती है। गणपतिजी अपने साथ खुशियां और बकत लेकर आते हैं। वे हर दुख व बाधा को हरने वाले हैं। इस समय देशभर में गणेशोत्सव की धूम है और सभी गणेश जी के मंदिरों में माथा टेकने जा रहे हैं। भारत के कोने-कोने में कई गणेश मंदिर हैं और सबकी अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है। आज हम आपको गणेश जी के ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां गणपति जी का चित्र लगातार बढ़ रहा और मोटा भी हो रहा है। जी हां, अाज तक आपने प्रतिमा को बढ़ने की बात सुनी व देखी होगी लेकिन यह एक अनोखा मंदिर है जहां गणपति जी की प्रतिमा नहीं बल्कि उनका चित्र अपना आकार बदल रहा है।
पहले था भगवान शिव का मंदिर
यह अद्भुत व चमत्कारी मंदिर केरल का सबसे प्रचानी और प्रसिद्ध मंदिर है। केरल में स्थित यह मंदिर मधुर महागणपति मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, ये भगवान शिव का मंदिर था लेकिन पुजारी के छोटे से बेटे ने मंदिर की दीवार पर भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। कहते हैं मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई बच्चे की प्रतिमा धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगी। वो हर दिन बड़ी और मोटी होती गई। उस समय से ये मंदिर भगवान गणेश का बेहद खास मंदिर हो गया।
टीपू सुल्तान से जुड़ी है एक कथा
मंदिर में टीपू सुल्तान से जुड़ी एक कहानी है। बताया जाता है की टीपू सुल्तान अपनी विजय होने के बाद इस मंदिर को नुकसान पहुंचाने के इरादे से यहां पहुंचा था। प्यास लगी तो यहां के कुएं से पानी पिया। थोड़ी देर आराम करने के बाद, उसने अपना दिमाग बदल दिया और मंदिर को बिना छेड़छाड़ किए हुए वहां से रवाना हो गया। लेकिन उसने मंदिर की छत में एक तलवार से हमला किया हमले का प्रतीक है। तलवार का वह निशान अब भी संरक्षित है। अब ये मंदिर न केवल भक्तों को आकर्षित करता है, बल्कि आर्किटेक्चर का भी एक उच्चतम नमूना है।
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