भगवान शिव का ग्यारहवें अवतार रूद्र रूप संकटमोचन हनुमान जी को माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की हनुमान जी आज भी धरती पर लोगों के कष्टों को दूर करने के लिए आज भी हैं, वे अपने भक्तों की पुकार सुन तुरंत ही चमत्कार दिखाते हैं। क्योंकि त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने उन्हें कलयुग के अंत तक धर्म की स्थापना और भक्तों के कल्याण के लिए पृथ्वी पर रहने को कहा था। इसीलिए देश भर में हनुमान जी के भक्त उनके पास अपने दुःख पीड़ा लेकर मंदिर जाते हैं और आस्था के अनुसार व्रत और तपस्या करते हैं| बजरंगबली के इन्हीं चमत्कारों के बीच एक चमत्कारी मंदिर भी मौजूद है जहां भक्त अपनी मुरादें लेकर जाते हैं और पूरी होने का आशीर्वाद लेकर आते हैं।
हर मंगलवार को लगता है भक्तों का तांता
बजरंगबली का ऐसा मंदिर जहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है, मध्यप्रदेश की धरती पर स्थापित है। यह मंदिर भोपाल से 40 किमी दूर रायसेन जिले के ग्राम छिंद में हनुमान दादा जी लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां सालभर ही भक्तों का तांता लगा रहता है और खासकर हर मंगलवार को भक्त यहां माथा टेकने आते हैं। मंदिर में हर मंगलार भंडारे का आयोजित किया जाता है। भंडारे के बाद यहां भजन संध्या होती है। भक्त मनोकामना पूरी होने पर पैदल ही दादा के दर्शनों लिए पहुंचते हैं। यहां चादर चढ़ाना, झंड़े चढ़ाना और चोला चढ़ाने का रिवाज बहुत पुराना है।
पांच मंगलवार हाजरी लगाने से पूरी होती है मनोकामना
हनुमान दादा जी के इस दरबार में अमीर, गरीब, नेता हो या अभिनेता, सभी शीश नमाने आते हैं। यहां मंदिर परिसर में विशाल पीपल के पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी दादाजी की प्रतिमा है। हर मंगलवार और शनिवार को दूर-दूर से श्रद्धालु छींद पहुंचते हैं। कहा जाता है कि पांच मंगलवार बिना नागा किए दादा के दरबार में हाजरी लगाने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है। बिगड़ी को बनाने वाले दादा का यह दरबार लगभग दो सौ साल पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि काफी समय पहले श्री हनुमान जी के किसी अननय भक्त ने यहां साधना की थी। साधना से प्रसन्न दादाजी सदैव इस प्रतिमा में साक्षात निवास करते हैं। यहां आने वाले भक्तजनों का अनुभव है कि दादाजी अतिशीघ्र उनके कष्टों का निवारण करते हैं।
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