जब कोई अपना सबसे प्यारा ही हमें अपने से दूर कर देता है, चाहे वह माता-पिता, गुरु या सबसे अच्छा दोस्त साथ छोड़ देता है, कारण कोई भी सकता है लेकिन दुख बहुत होता । कभी कभी व्यक्ति की खुद की गलती भी होती तो कभी परिस्थियां ऐसी निर्मित हो जाती है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा केवल एक ग्रह के कमजोर होने के कारण ही होता है । जाने आखिर वह कौन सा ग्रह है जिसके कारण अपनों से बिछड़ने का दर्द सहना पड़ता हैं ।
ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अगर मजबूत हो तो उसे मान- सम्मान, सुख-समृध्धि, पिता का साथ और भरपूर सहयोग मिलता है । लेकिन अगर सूर्य कमजोर हो तो पिता से नहीं बनेगी, सरकारी नौकरी में सस्पेंड होना या झूठे आरोप लगना मान सम्मान को ठेस पहुंचना आदि परेशानी होती ही है । सूर्य को मजबूत करने के लिए चौकर वाले आटे कि रोटी खाएं, मौसम के फल अधिक खाएं, गुड़ खाकर ऊपर से पानी पियें, रोज़ाना सूर्य नमस्कार का व्यायाम करें और उगते सूर्य को जल दें ।
ऐसे पहचाने की आपका सूर्य कमजोर है कि नहीं
जब माता-पिता, गुरु, मित्र, देवता छोड़ देते हैं । सरकार की ओर से कोई दंड मिलता है । जब अचानक नौकरी चली जाये । सोना खो जाता है या चोरी हो जाता है पर । यदि घर पर या घर के आस-पास लाल गाय या भूरी भैंस है, और वह खो जाये या तो मर जाती है । यदि किसी को अधिक आलस आता हो तो सूर्य की स्थिति अशुभ होती है । अगर चेहरे पर तेज का अभाव है और हमेशा खुद को थका-थका महसूस करते हैं किसी काम को करने में आलस्य महसूस करते है । हृदय के आसपास कमजोरी का आभास होता है । किसी प्रिय दोस्त से दुर हो जाना, सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग भी हो जाते है । पिता के घर से अलग होना । कानूनी विवादों में फंसना और संपति विवाद होना । अपने किसी बड़े से लड़ाई हो जाना । पिता का सम्मान न करना ।
सूर्य को मजबूत बनाकर, अपनों का साथ पान के लिये करें यह सरल उपाय-
सबसे पहले अपने घर की पूर्व दिशा को साफ सूथरा करें । भगवान श्री विष्णु की उपासना । बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं । रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें । रविवार के दिन उपवास रखे । रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें । जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें । भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें । नियमित गायत्री मंत्र का 108 बार तुलसी की माला से जप करें । रविवार के दिन तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान अवश्य करें । हर छोटे बड़े कार्य की शुरूआत मीठा खाकर करें । तांबे के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करके एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवनभर साथ रखें ।
इन मंत्रों का जप प्रतिदिन 108 बार जरूर करें ।
मंत्र
1- ।। ॐ रं रवये नमः ।।
2- ।। ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 बार जप करें ।
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