Karwa Chauth : इन विशेष सामग्रियों के साथ पूजा करने पर सफल हो जाता हैं करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं इसलिए करती हैं कि वे जिस मनोकामना के लिए व्रत उपवास, पूजन करती वह सफल हो जाएं भगवान उनकी हर इच्छा पूरी करें । लेकिन किसी भी पूजा पाठ में श्रद्धा के साथ पूजा सामग्री का भी बहुत महत्त्व माना जाता हैं । ऐसी मान्यता हैं कि करवा चौथ का व्रत और पूजन अगर विधि विधान से ना किया जाये तो व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है । जाने आखिर किन विशेष पूजा सामग्री का इस दिन प्रयोग करके पूजा करनी चाहिए ।

 

पत्नियां पति की लंबी आयु की कामना से करवा चौथ का पर्व मनाती हैं । छान्दोग्य उपनिषद के अनुसार करवा चौथ के दिन व्रत रखने से सारे पाप नष्ट होते हैं और जीवन में किसी प्रकार के कष्ट नहीं आते । इस व्रत से आयु में वृद्धि होती है । इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा की जाती है और पूजन के बाद मिट्टी के बने करवे में चावल, उड़द और सुहाग की सामग्री रखकर अपनी सास या अन्य किसी सुहागिन महिलाओं को यह करवा भेंट करने की प्राचीन प्रथा हैं ।

 

विशेष पूजा सामग्री

1- माता पार्वती, शिवजी एवं गणेश जी की एक संयुक्त फोटो, कच्चा दूध, कुमकुम ।
2- अगरबत्ती, शक्कर, शहद, पुष्प, शद्ध घी, दही, मेहंदी, मिठाई, गंगा जल ।
3- चंदन, चावल, सिंदूर, महावर, कंघा, मेहंदी, चुनरी, बिंदी, बिछुआ, चूड़ी ।
4- मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक और बाती के लिए रूई
5- गेंहू, शक्कर का बूरा, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी ।
6- लकड़ी का आसन, छन्नी, आठ पूरियों की अठवारी ।
7- हलवा और दक्षिणा के लिए कुछ पैसे ।

 

- इन पूरी पूजन सामग्री को करवा चौथ व्रत के एक दिन पहले ही एकत्रित कर लेवें । व्रत वाले दिन व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्वच्छ कपड़े पहन सुंदर श्रृंगार भी कर लें । अब उपरोक्त सभी सामग्रियों का एक एक कर करवा की पूजा के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है ।

 

इस विधि से करें पूजा

 

1- करवा चौथ के दिन पूजा स्थल में बैठकर दाहिने हाथ में थोड़ा जल एवं चावल लेकर व्रत करने का संकल्प लें ।
2- संकल्प लेते समय इस मंत्र का उच्चारण करें- मंत्र- मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये ।


3- घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीसकर उससे करवा का चित्र बनाएं । इस रीति को करवा धरना कहा जाता है ।
4- शाम के समय मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा के लिए ऐसी फोटो को रखे जिसमें श्रीगणेश माता पार्वती की गोद में बैठे हो, भगवान के आसन के लिए लकड़ी से बना आसन ही सर्वोत्म माना गया हैं ।


5- माता पार्वती को श्रृंगार की सभी सामग्री चढ़ाएं या फिर उनका श्रृंगार करें ।
6- अब मां पार्वती, श्रीगणेश एवं भगवान शिवजी का भी पूजन करें ।
7- शाम या रात्रि में चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा कर अर्घ्य दें ।
8- सुहागिन महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें ।
9- पूजन समाप्त होने के बाद अपने सास ससूर और घर के बड़ों का आर्शीवाद पैर छुकर जरूर लें ।
10- संभव हो तो एक कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ या श्रवण अवश्य करें ।



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