दीपावली की रात इस विशेष माला से लक्ष्मी के 108 नामों का जप करने से होती हैं धन धान्य में भारी बढ़ौतरी

दीपावली की रात को माता महालक्ष्मी का पूजन विधि विधान से किया तो जाता हैं, लेकिन अगर अमावस्या की इस रात माता के इन 108 नामों का जप इस विशेष माला से जपने पर सुख सौभाग्‍य की प्राप्ति होती हैं ।


शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या यानी की दिवाली का दिन और अगर कोई दिवाली की रात में 8 बजे से लेकर 1 बजे रात के बीच माता लक्ष्मी का विशेष पूजन करने के बाद कमल गट्टे की माला महालक्ष्मी के इन 108 नामों का 108 बार जप करने से धन धान्य में दिनों दिन बढ़ौतरी होने लगती हैं ।

 

इन 108 नामों का कमल गट्टे की माला से करें जप


1- ऊँ श्री अव्ययायै नम:
2- ऊँ श्री अच्युतायै नम:
3- ऊँ श्री अंशुभालिन्यै नम:
4- ऊँ श्री अपर्णायै नम:
5- ऊँ श्री अमृतावहायै नम:
6- ऊँ श्री अनुमत्यै नम:
7- ऊँ श्री आदित्यवर्णायै नम:
8- ऊँ श्री अरुणावत्यै नम:
9- ऊँ श्री कष्टगम्यायै नम:
10- ऊँ श्री कलंकरहितायै नम:

 

11- ऊँ श्री कलावत्यै नम:
12- ऊँ श्री कामधेन्यै नम:
13- ऊँ श्री गम्भीरायै नम:
14- ऊँ श्री गरुडासनायै नम:
15- ऊँ श्री जगतप्रियायै नम:
16- ऊँ श्री धन्येशवर्यै नम:
17- ऊँ श्री घोरदुर्गति नाशिन्यै नम:
18- ऊँ श्री दैत्य दानव मर्दिन्यै नम:
19- ऊँ श्री खगवाहनायै नम:
20- ऊँ श्री जगतप्रियायै नम:

 

21- ऊँ श्री दारिद्रदु:ख शमन्यै नम:
22- ऊँ श्री त्रिगुणायै नम:
23- ऊँ श्री त्रीलोक्य सुन्दर्ये नम:
24- ऊँ श्री त्रेलोक्य होहियै नम:
25- ऊँ श्री दयामत्ये नम:
26- ऊँ श्री धर्मकामार्थमोक्षदायै नम:
27- ऊँ श्री धनदायै नम:
28- ऊँ श्री धनलक्ष्मीनायै नम:
29- ऊँ श्री पावनायै नम:
30- ऊँ श्री प्राणदायै नम:

 

31- ऊँ श्री पद्मायै नम:
32- ऊँ श्री प्रकृत्यै नम:
33- ऊँ श्री परमानन्दरुपिण्यै नम:
34- ऊँ श्री पावन्यै नम:
35- ऊँ श्री प्रत्यक्ष लक्ष्म्यै नम:
36- ऊँ श्री पदममाला विभूषितायै नम:
37- ऊँ श्री ब्रह्माण्डवासिन्यै नम:
38- ऊँ श्री भक्त वत्सलायै नम:
39- ऊँ श्री भयनाशनायै नम:
40- ऊँ श्री नित्यशुद्धायै नम:

 

41- ऊँ श्री निरामयायै नम:
42- ऊँ श्री नीरजायै नम:
43- ऊँ श्री नित्यपुष्टायै नम:
44- ऊँ श्री ब्रह्मवान्दितायै नम:
45- ऊँ श्री धनुर्लक्ष्मैये नम:
46- ऊँ श्री पुष्टिकर्यै नम:
47- ऊँ श्री महाविभव भूषणायै नम:
48- ऊँ श्री माधवप्रियायै नम:
49- ऊँ श्री मातृकायै नम:
50- ऊँ श्री वीरेश्वरायै नम:

 

51- ऊँ श्री ब्र्ह्मसहितायै नम:
52- ऊँ श्री मधुमत्यै नम:
53- ऊँ श्री मूल प्रकृत्यै नम:
54- ऊँ श्री भानुमत्यै नम:
55- ऊँ श्री सर्वास्त्र सुधारिणै नम:
56- ऊँ श्री सुरसुन्दयै नम:
57- ऊँ श्री चारूहासिने नम:
58- ऊँ श्री हिमशैलेन्द्र संकायै नम:
59- ऊँ श्री गजेन्द्र वाहनायै नम:
60- ऊँ श्री संर्वांगयोन्यै नम:

 

61- ऊँ श्री सम्प्रधानेर्श्वे नम:
62- ऊँ श्री विष्णुवक्ष:स्थल गतायै नम:
63- ऊँ श्री वास्तुदेवतायै नम:
64- ऊँ श्री मणिभूषायै नम:
65- ऊँ श्री रसनाप्राण दायित्ये नम:
66- ऊँ श्री तेजो लक्ष्म्यै नम:
67- ऊँ श्री सुखोदयायै नम:
68- ऊँ श्री सौम्य रुपायै नम:
69- ऊँ श्री स्वार्थ साधनकर्ये नम:
70- ऊँ श्री संपूर्ण मण्डलायै नम:

 

71- ऊँ श्री शंख भ्रदासन स्थितायै नम:
72- ऊँ श्री सिद्ध सेवितायै नम:
73- ऊँ श्री हिरण्यगर्भायै नम:
74- ऊँ श्री सर्वमंगल मांगल्यै नम:
75- ऊँ श्री सत्य संकलपायै नम:
76- ऊँ श्री शुभाकारायै नम:
77- ऊँ श्री सुरेन्द्र नीमतायै नम:
78- ऊँ श्री सुदुर्लभायै नम:
79- ऊँ श्री शुभमंगलायै नम:
80- ऊँ श्री व्योम मध्यस्थायै नम:

 

81- ऊँ श्री वसुमत्यै नम:
82- ऊँ श्री विजयायै नम:
83- ऊँ श्री वागीष्वर्ये नम:
84- ऊँ श्री विश्वरूपायै नम:
85- ऊँ श्री व्योमवारिण्यै नम:
86- ऊँ श्री विष्णु बल्लभायै नम:
87- ऊँ श्री विंध्यवासिन्यै नम:
88- ऊँ श्री सर्वमंगलायै नम:
89- ऊँ श्री सर्वकामप्रदायै नम:
90- ऊँ श्री सुवर्ण कमलासनायै नम:

 

91- ऊँ श्री सुखसौभाग्य सिद्धिदायै नम:
92- ऊँ श्री सर्वाभिलाष पूर्णेच्छायै नम:
93- ऊँ श्री शुद्धायै नम:
94- ऊँ श्री सर्वव्यापिने नम:
95- ऊँ श्री सनातनयै नम:
96- ऊँ श्री स्वरुपायै नम:
97- ऊँ श्री स्वर्गायै नम:
98- ऊँ श्री शाश्वत्यै नम:
99- ऊँ श्री सुप्रतिष्ठायै नम:
100- ऊँ श्री सर्वभूत महेश्वरये नम:

 

101- ऊँ श्री स्मपूर्णा नम:
102- ऊँ श्री सुरासुर वर प्रदायै नम:
103- ऊँ श्री यशस्कर्ये नम:
104- ऊँ श्री योगंमायायै नम:
105- ऊँ श्री योगश्वरप्रियायै नम:
106- ऊँ श्री सर्वतो भद्रायै नम:
107- ऊँ श्री सौम्यायै नम:

108- ऊँ श्री शुक्लांबरा नम:

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